जून ९ २०१९
गाजियाबादके मुरादनगरके ६०० लोगोंके विरुद्घ प्रकरण प्रविष्ट किया गया है । इन सभीने पुलिसपर आक्रमण किया था । वास्तवमें, ईदके दिन गंगा कनालमें आसिफ नामक व्यक्तिकी डूबनेसे मृत्यु हो गई थी । आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करनेके पश्चात पुलिस जब आसिफके परिवारको उसका शव सौंपने आई, तब वहां उपस्थित लोगोंने भारी संख्यामें पुलिसपर ही आक्रमण कर दिया । शनिवार, ८ जूनको इन सभीके विरुध्द प्रकरण प्रविष्ट किया गया । शुक्रवारकी रातको आसिफके परिवारवालों व पडोसियों सहित कई अन्य लोगोंने हंगामा बरपाया ।
इन लोगोंने आसिफके मित्रोंको बन्दी बनानेकी मांगकी । इनका आरोप था कि आसिफके मित्रोंने ही षडयन्त्रकर उसकी हत्या कर दी है । मुरादनगर थानाके एसएचओ ओम प्रकाश सिंहने अधिक जानकारी देते हुए बताया, “जब पुलिस आसिफका शव उसके परिवारवालोंको सौंपने पहुंची, तो उसके परिवारवालों व पडोसियोंने पत्थरबाजी आरम्भ कर दी । उन्होंने एक घंटेसे भी अधिक समयतक देहली-मेरठ राजमार्गको जाम रखा व कई वाहनोंको आग लगा दी । उन्होंने सार्वजनिक सम्पत्तिको हानि पहुंचाई ।”
लोगोंने इस प्रकार विधानको अपने हाथमें लिया कि कई पुलिस स्टेशनसे सैंकडों सैनिकोंको क्षेत्रमें तैनात किया गया । एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारीके अनुसार, कई सैनिकोंको चोटें भी आई हैं । १५ ऐसे लोगोंके विरुद्घ प्रकरण प्रविष्ट किया गया है, जिनके नाम पुलिसको ज्ञात हैं । वहीं ६०० अज्ञात लोगोंके विरुद्घ भी प्रकरण प्रविष्ट किया गया है ।
आरोपियोंके विरुद्ध लगभग २ दशकाधिक धाराओंमें प्रकरण प्रविष्ट किया गया है ।
“शान्तिप्रिय समुदायके लोग कितने शान्तिप्रिय है, यह इससे ही ज्ञात होता है कि हिन्दू समाजको दबानेवाली पुलिस मुसलमानोंके आगे कितने विवश प्रतीत हो रही हैं । मुसलमान समुदायकी भीड विधानको ठेंगा दिखाते हुए वाहनोंको जला रहे हैं । हिन्दुओंपर गोली चलानेके आदेश देनेवाला न्यायालय भी मुख छिपाकर बैठ जाता है । यह किस ओर जा रहे हैं हम ? विचार करनेकी आवश्यकता है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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