मई ३१, २०१९
इन्दौरमें लव-जिहादका प्रकरण सामने आया है । उत्तरप्रदेशकी फार्मा कम्पनीके एक अधिकारीने पहले तो नाम और धर्म परिवर्तित किया, तदोपरान्त नगरकी प्रतिष्ठित परिवारोंकी युवतियोंसे सम्बन्ध बना लिए । एक विश्रामालय संचालककी (मैनेजरकी) पुत्रीकी परिवादके पश्चात फरवरीमें उसके विरुद्घ प्रकरण प्रविष्ट हो गया था । राजेंद्रनगर पुलिसने दुष्कर्मके आरोपीको उत्तरप्रदेशसे बन्दी बनाया है । टीआई सुनील शर्माके अनुसार, फरवरी २०१९ में एक युवतीकी परिवादपर आरोपी दानिश (राज उपाध्याय) पिता सईद अली निवासी जाजमऊ कानपुरके विरुध्द दुष्कर्मका प्रकरण प्रविष्ट किया था । पुलिसने मंगलवार, २८ मईको दानिशको बन्दी बनाया और गुरुवार, ३० मईको न्यायालयमें प्रस्तुतकर कारावास भेज दिया ।
पीडिताओंने आरोप लगाया कि वह समीर दुबे, बॉबी शर्मा, अनूप दीक्षित, राज उपाध्याय व जॉन सलूजाके नामसे युवतियोंसे मित्रताकर दुष्कर्म कर चुका है । कई पीडिताएं बदनामीके भयसे परिवाद (शिकायत) नहीं कर रही हैं । उसके विरुद्ध महिला थानेमें भी अभियोग प्रविष्ट किया है । इसमें फरियादीसे औषधि देनेके बहाने मिला था । उससे मित्रता की और नाम व धर्म परिवर्तितकर विवाह कर लिया । वास्तविकता सामने आनेपर पीडितासे निकाह भी कर लिया । उसका गर्भपात करवाया और कुछ दिनों पश्चात छोडकर भाग गया ।
पुलिसके अनुसार पीडिताके पिता विश्रामालयमें (होटलमें) संचालक (मैनेजर) हैं । पीडिताने पुलिसको बताया कि दानिश मल्टीनेशनल फार्मा कंपनीका ‘मार्केटिंग मैनेजर’ है । उसने राज उपाध्याय नाम बताकर मित्रता की और कहा कि वह मूलत: मुम्बईका रहनेवाला है । परिजनसे भेंट की और वर्ष २०१६ में सगाई कर शारीरिक सम्बन्ध बना लिए । दीपावलीपर पीडिताने किसी कार्यसे उसका बैग टटोला तो दानिशका पहचानपत्र हाथ लग गया । उसने विवाहसे मना कर दिया और मेरठ भाग गया । पीडिता ढूंढते हुए कानपुर पहुंची व एसपी राजकुमार अग्रवालको परिवाद (शिकायत) की । भनक लगते ही आरोपीके पिता सईद और भाईने धमकाया । उधर, लव जिहादका समाचार मिलनेपर हिन्दूवादियोंने भी हंगामा किया । पुलिसने सईद व उसके पुत्रको बन्दी बना लिया और दानिशकी सूचना इंदौर पुलिसको दी ।
पीडिताओंने एसआई सुषमा पटोलियापर आरोप लगाया कि आरोपीसे ठीक ढंगसे पूछताछ नहीं की गई । एसआईने थानेमें वीआईपी सुविधा दी और उसे कारावासमें नहीं रखा । इस मध्य परिजन व सम्बन्धी उससे मिलते रहे । पीडिताओंको बताया भी नहीं और उसे कारावास भेज दिया । एसआईके अनुसार जांचके पश्चात ही कारावास भेजा है ।
“इस प्रकरणसे स्पष्ट है कि धर्मान्ध कितना भी पढा लिखा हो या सम्पन्न हो, वह अन्ततः जिहाद ही करेगा ! हिन्दू समाजको अब एकजुट होकर जिहादियोंके इन कृत्योंके विरुद्ध खडा होना चाहिए, जिससे कोई भी धर्मान्ध ऐसे कृत्य करनेसे पूर्व सौ बार सोचे और सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंने भी पुलिसपर कठोर कार्यवाही करनेका बल बनाना चाहिए ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नई दुनिया
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