जनवरी १२, २०१९
राष्ट्रीय जांच विभागने (एनआईए) कुख्यात आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’के (आईएस) एक ‘मॉड्यूल’ ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’के एक संदिग्ध सदस्यको उत्तर प्रदेशके गाजियाबादसे बन्दी बनाया है । इस संगठनपर राजधानी देहली और आस-पासके क्षेत्रोंमें आक्रमणका षडयन्त्र करनेका आरोप है ।
एनआईएने शनिवार, १२ जनवरीको कहा कि उसने ‘आईएसआईएस’ प्रेरित आतंकी समूहके विरुद्ध अपनी जांचके प्रकरणमें गाजियाबादसे एक व्यक्तिको बन्दी बनाया है ।
आरोपीका अभिज्ञान मोहम्मद अबसारके रूपमें हुआ है । यह संगठन कथित रूपसे देहली और उत्तर भारतके दूसरे भागोंमें आत्मघाती आक्रमण और विस्फोटके साथ ही राजनेताओं और सरकारी प्रतिष्ठानको लक्ष्य बनानेका षडयन्त्र कर रहा था ।
जांच विभागने शनिवार, ११ जनवरीको इस प्रकरण में मेरठ, हापुड और गाजियाबादमें छापेमारी भी की । विभागीय प्रवक्ताने कहा कि मोहम्मद अबसारको शुक्रवारकी रात्रि ‘एनआईए’ने हापुडसे बन्दी बनाया । इसके साथ ही इस प्रकरणमें अबतक १२ लोगोंको बन्दी बनाया जा चुका है । उन्होंने कहा कि अबसार मेरठ जनपदके जसोराका रहने वाला है और गाजियाबादके पिपलेरा क्षेत्रमें ‘जामिया हुसैनिया अबुल हसन’ नामक मदरसेमें पढाता था । प्रवक्ताने कहा कि अबसार आतंकी षडयन्त्रके एक और आरोपी इफ्तेखार साकिबके साथ २०१८ के मई और अगस्तके माहमें जम्मू-कश्मीरमें तीन स्थानपर गया था ।
“बन्दी बनाया गया धर्मान्ध मोहम्मद अबसार एक मदरसेमें शिक्षक है, तो ऐसे शिक्षक मदरसेमें बालकोंको क्या शिक्षा देते होंगें, क्या यह बतानेकी आवश्यकता है ? तदोपरान्त भी प्रशासन मौन है और हिन्दुवादी शासनका यह मौन हिन्दुओंको अत्यन्त क्षुब्ध कर रहा है । जिस क्षात्रवृत्तिसे प्रेरित होकर हिन्दुओंने शासन दिया था, वह तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रही !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जी न्यूज
Leave a Reply