कांग्रेसका सत्य उजागर हुआ, मिशेलने पूछताछमें लिया ‘मिसेज गांधी’का नाम !!


दिसम्बर २९, २०१८

‘अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर’ प्रकरणमें बन्दी बनाए गए क्रिश्चियन मिशेलने एक बडा तथ्य उजागर किया है ।  मिशेलने कहा है कि वह श्रीमती गांधीके सम्पर्कमें था ! यह दावा प्रवर्तन निदेशालयने (ईडी) किया है !


‘ईडी’ने कहा है कि पूछताछके समय, क्रिश्चियन मिशेलने श्रीमती गांधीका नाम लिया है !! यद्यपि ईडीने यह स्पष्ट नहीं किया कि मिशेलने किस सन्दर्भमें श्रीमति गांधीका नाम लिया ।

‘ईडी’ने कहा है कि जब मिशेलने गुरुवारको अपने अधिवक्तासे भेंट की तो उसने एक कागद अपनी अधिवक्ताको दिया, जिसमें उसने पूछताछको लेकर बताया । ईडीने न्यायालयके समक्ष यह भी कहा कि मिशेलने अगस्ता वेस्टलैंडके बारेमें वार्ता की, जिसमें ‘इटली महिलाका पुत्र, भारतका अगला प्रधानमन्त्री बनेगा’, जैसे वाक्यांश हैं !!

‘ईडी’ने न्यायालयसे कहा कि हम यह ज्ञात करना चाह रहे हैं कि वह बडा व्यक्ति कौन है ?, जिसे मिशेल और दूसरे लोगोंकी वार्ताके मध्य ‘R’ कहकर बुलाया जा रहा है । हम मिशेलसे दूसरे लोगोंके सामने पूछताछ करना चाहते हैं कि वह बडा आदमी कौन है ?, जिसे ‘R’ कहा जा रहा है ।

बता दें इससे पूर्व क्रिश्चियन मिशेलका एक पत्र सामने आया थी, जो फिनमेकैनिका कम्पनीके मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी जुगेपी ओरसीको लिखी गई थी । उसमें कहा गया कि उन्होंने सत्ताधारी दलके शीर्ष नेतृत्वद्वारा तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंहपर दबाव बनवाया था !!

यह पत्र २८ अगस्त, २००९ को लिखा गया था । पत्रके अनुसार, मिशेलको ‘अगस्ता वेस्टलैंड’से सम्बन्धित सभी जानकारियां प्रधानमन्त्री कार्यालय, रक्षा मन्त्रालय सहित शासनके वरिष्ठ अधिकारियोंसे मिल रही थी !

ओरसीको लिखे पत्रमें मिशेलने दावा किया है कि इसको लेकर सुरक्षा प्रकरणकी मन्त्रिमण्डल समितिकी जो बैठक होने वाली है, उसके बारेमें उसे जानकारी है । इसपर प्रधानमन्त्री, ज्वॉइंट सेकेट्ररी और डिफेंस सेकेट्ररीके मध्यमें जो बात चल रही है, वह उसे भी ज्ञात है ! इतना ही नहीं तत्कालीन रक्षा मन्त्री उनके पक्षमें हैं ।

 

“इस प्रकरणसे ही कांग्रेसका वास्तविक रूप उजागर होता है और बताता है कि किसप्रकार मनमोहन सिंहको केवल एक कठपुतलीकी भांति प्रयोग किया गया ! एक बाहरी व्यक्ति जो सुरक्षा सम्बन्धित सभी बातें जानता है और देशके मन्त्री भी उसके उत्तरदायी हैं तो ऐसेमें राष्ट्रकी सुरक्षा क्या होगी ? हिन्दू अब स्वयं विचार करें कि क्या ऐसे लोगोंके हाथमें, जो राष्ट्रको बेचनेसे भी पीछे न हटे, सत्ता देना क्या उचित है ? इससे ही आचार्य चाणक्यकी चन्द्रगुप्तको विदेशी स्त्री ‘हेलेना’के सम्बन्धमें कही बातें सत्य सिद्ध होती हैं कि राष्ट्रके विषयमें उसकी माटीपर खेला व बढा व्यक्ति ही सोच सकता है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : आजतक



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