नई दिल्ली/मोतिहारी: उत्तर प्रदेश के कानपुर के निकट पुखरायां में बीते साल नवंबर महीने में हुए ट्रेन हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) का हाथ होने की बात सामने आई है। मंगलवार को मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़े तीन शातिर बदमाशों में शामिल मोती पासवान ने ये राज खोला है।
इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), आईबी और एटीएस ने जांच शुरू कर दी है। एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को इस खुलासे के बारे में जानकारी दे दी गई है। एनआईए को पहली बार ऐसी जानकारी मिली है कि देश में हुए ट्रेन हादसों के पीछे देश के बाहर के ताकतों की संलिप्तता हो सकती है। जानकारी के अनुसार, इस मामले की जांच के लिए यूपी एटीएस की टीम बिहार पहुंच गई है। एटीएस की टीम तीनों संदिग्धों से पूछताछ करेगी।
पूर्वी चंपारण जिला के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने यहां पत्रकारों को बताया कि आदापुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए इन अपराधियों में मोती पासवान, उमा शंकर पटेल और मुकेश यादव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये तीनों पेशेवर अपराधी हैं और इनकी एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों में संलिप्तता रही है। राणा ने बताया कि पूछताछ के दौरान तीनों अपराधियों ने गत 20 नवंबर महीने में कानपुर में हुए इंदौर-पटना रेल हादसा में 150 यात्रियों की मौत हो गई थी, जिसको लेकर कुछ ‘पॉजिटिव लीड’ प्राप्त हुए हैं जिससे एटीएस और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों को इसकी व्यापक स्तर पर जांच के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
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