जब से BJP ज्‍वाइन की, अपनों ने मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोक दिया


अगरतला: त्रिपुरा में चल रहे चुनावी घमासान के बीच एक गांव ऐसा भी है जो समर्थकों के बीच इस कदर विभाजित हो गया है कि बीजेपी का समर्थन करने वाले लोगों को यहां की मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है. दक्षिण त्रिपुरा के शांतिबाजार निर्वाचन क्षेत्र में मोईडाटीला नामक गांव है. इस गांव में 100 किसान परिवार हैं. इनमें से 83 परिवार मुस्लिम  हैं, जिसमें से 25 परिवारों ने कुछ समय पहले बीजेपी के समर्थन की घोषणा की. नतीजतन बीजेपी के विरोधी मुस्लिम परिवारों ने गांव की मस्जिद में इन लोगों को नमाज पढ़ने से मना कर दिया. अब इस कारण इस गांव में दो मस्जिद हो गई हैं- एक पुरानी जहां बीजेपी के विरोधी नमाज पढ़ते हैं और दूसरी अस्‍थायी रूप से निर्मित धार्मिक स्‍थल जहां बीजेपी समर्थक मुस्लिम नमाज पढ़ते हैं.

द इंडियन एक्‍सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक यहां के एक मुस्लिम व्‍यक्ति ने कहा कि हमने 16 महीने पहले बीजेपी पार्टी ज्‍वाइन की थी. उसके कुछ समय बाद ही मस्जिद के लोगों ने हमसे कहा कि अब आप यहां इबादत नहीं कर सकते. उन्‍होंने कहा कि आप लोग हिंदूवादी पार्टी का विरोध कर रहे हैं सो अब आपके इस मस्जिद में आने की जरूरत नहीं है. चाहें तो आप हिंदुओं के साथ जा सकते हैं. लिहाजा इन 25 मुस्लिम परिवारों ने टिन की छत और बांस की मदद से अस्‍थायी रूप से एक मस्जिद का निर्माण किया है. इबादत करवाने के लिए आपस में चंदा इकट्ठा करके इन लोगों ने एक अलग इमाम की भी व्‍यवस्‍था की है.

ये 25 परिवार पहले मोटेतौर पर कांग्रेस का समर्थन करते थे. हालांकि इनमें से कुछ सत्‍ताधारी सीपीएम से भी जुड़े थे. लेकिन इनका कहना है कि कांग्रेस यहां से पूरी तरह से साफ हो गई है और 25 सालों के सीपीएम राज में भी कुछ हासिल नहीं हुआ. इसलिए अब बीजेपी इनके लिए एक नई आशा है. इनका कहना है कि यहां बिजली नहीं है और यहां तक कि पीने के शुद्ध पानी की व्‍यवस्‍था भी नहीं है. इन्‍हीं सब बदइंतजामियों की वजह से इन्‍होंने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है. इस बार के चुनावों में शांतिबाजार निर्वाचन क्षेत्र से गृह और आदिवासी कल्‍याण मंत्री मनिंद्र रेयांग प्रत्‍याशी हैं. वह सीपीआई के नेता हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में 4 प्रतिशत मुस्लिम आबादी और 40 प्रतिशत आदिवासी वोटर हैं. त्रिपुरा में 18 फरवरी को मतदान होगा और तीन मार्च को वोटों की गिनती होगी.

बीजेपी की रणनीति
अबकी बार बीजेपी पूरे दमखम के साथ त्रिपुरा विधानसभा चुनाव लड़ रही है. पिछले एक साल से बीजेपी यहां अपना संगठन मजबूत करती रही है ताकि लेफ्ट के कैडर का मुकाबला किया जा सके. 50 हजार से ज्यादा बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता, पदाधिकारी और ट्रेनर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. त्रिपुरा बीजेपी के प्रभारी सुनील देवधर पिछले दो वर्षों से त्रिपुरा में हैं. एक साल पहले बीजेपी ने विप्लव देब को राज्य का नया पार्टी सचिव नियुक्त किया था. माना जा रहा है कि अगर पार्टी को जीत मिलेगी तो देब को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जा सकती है.

देवधर ने रणनीति का खुलासा करते हुए कहा, “सबसे पहले हमने मोर्चा का गठन किया. मसलन युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक मोर्चा और किसान मोर्चा. इन मोर्चों का गठन पहले मंडल, फिर जिला और राज्य-स्तरीय पर किया गया. हमने जमीनी कार्यकर्ताओं तक पहुंचने का प्रयास किया है. अब यह संगठन इतना मजबूत हो गया है कि हाल ही में उत्तर त्रिपुरा में आयोजित पीएम मोदी की रैली में 10 हजार महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था. यह आंकड़ा इस छोटे से राज्य के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण बात है.

 



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