जम्मू-कश्मीरमें ढेरमें छिपे आतंकीको मृत मान लिया, ढेरसे निकलकर की गोलीबारीमें ४ सैनिक हुतात्मा !!


मार्च १, २०१९


उत्तरी कश्मीरके कुपवाडा जनपदके हंदवाडाके लंगेटके बाबागुंड गांवमें रातभर सुरक्षा बलों और आतंकियोंके मध्य मुठभेड चली, जिसमें एक आतंकी मारा गया और एक आतंकी ढेरमें (मलबेमें) छिप गया ! सुरक्षा बलोंने दोनों आतंकियोंको मृत समझ लिया; परन्तु कुछ समय पश्चात ढेरमें छिपा आतंकी बाहर निकला और सुरक्षा बलोंपर गोलीबारी आरम्भ कर दी, जिसमें ‘सीआरपीएफ’के एक इंस्पेक्टर सहित दो सुरक्षाकर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिसके दो पुलिसकर्मी हुतात्मा हो गए ।

इससे पूर्व गुरुवार, २८ फरवरी रात्रि लगभग ९ बजे सेनाकी ‘२२ आरआर, ९२ बटालियन’ सीआरपीएफ और एसओजीके दलोंने अन्वेषण अभियान चलाया । इस यध्य सुरक्षाबलोंपर आतंकियोंने गोलीबारी आरम्भ कर दी । अधिकारियोंने बताया कि गोलीबारी रात्रि एक बजे आरम्भ हुई । जब बलोंके संयुक्त दलने अन्वेषण तीव्र किया और संदिग्ध स्थानकी ओर कुछ गोलीबारी की गई । गोलाबारीके समय एक आतंकवादी मारा गया और दूसरा घरके ढेरमें छिप गया ।

पुलवामा आतंकी आक्रमणके पश्चात जम्मू और कश्मीरमें सुरक्षाबलोंने ‘ऑपरेशन-६०’ आरम्भ किया है । सुरक्षाबलोंकी माने तो घाटीमें लगहग ६० आतंकी सक्रिय हैं । इसमेंसे लगभग ३५ पाकिस्तानी हैं । पुलवामा आक्रमणके मुखिया गाजी राशिदको मारनेसे आरम्भ हुआ सुरक्षाबलोंका अभियान अब एक-एक करके ‘जैश’के आतंकियोंको समाप्त करनेतक चलेगा ।

 

“सैनिकोंके प्राण हमारे लिए अति मूल्यवान है, उसे ऐसे नहीं नष्ट होने देना चाहिए । आतंकियोंको ऐसे मानकर कि मृत हो गए हैं, छोडा नहीं जा सकता है । या तो वहां विस्फोटकर उडाना चाहिए था; परन्तु आतंकियोंकी बुद्धिमें भरा जिहाद कितना विषकारी है कि आतंकीको प्राणोंका कोई भय नहीं है, वह ढेरमें दबा होनेपर भी बचनेका प्रयास न कर, सामनेसे गोली मार रहा है अर्थात उसके लिए वह जिहाद है ! यदि हमने इस जिहादी विषको पहले ही रोका होता तो सक्षारे सैनिक यूं प्राणोंकी बलि न देते !! अब इसका पूर्ण समाधान निकालना अत्यावश्यक है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : आजतक



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution