जून १०, २०१९
बंगालके २४ उत्तर परगनामें टीएमसी-बीजेपी कार्यकर्ताओंके मध्य आपसी झडपमें ३ लोगोंकी मृत्यु हो गई है । प्रकरणकी जांच कर रही पुलिसके अनुसार यह समूचा प्रकरण पार्टीके ध्वजको उतारनेसे आरम्भ हुआ था । इस झडपके समय टीएमसीके एक कार्यकर्ता कायुम मोल्लहकी हत्याकी बात सामने आ रही है । वहीं बीजेपीका कहना है कि टीएमसीके गुंडोंने उनके २ कार्यकर्ताओंको गोली मारी दी है, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई । यद्यपि बीजेपीके नेता मुकुल रॉयने इस घटनाके सामने आनेके पश्चात एक ट्वीट किया । उन्होंने लिखा कि बीजेपीके तीन कार्यकर्ताओंको टीएमसीके गुंडोंने संदेशखाली क्षेत्रमें गोली मार दी है । बीजेपी कार्यकर्ताओंके साथ हो रही इसप्रकारकी घटनाके लिए ममता बैनर्जी स्वयं उत्तरदायी हैं । हम इस समूचे प्रकरणकी परिवाद केन्द्रीय गृहमन्त्री अमित शाहजीसे करेंगें । वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपीके प्रमुख विजयवर्गीयने भी इस झडप और बीजेपीके कार्यकर्ताओंकी हत्यापर शोक प्रकट किया है ।
उल्लेखनीय है कि टीएमसी-बीजेपी कार्यकर्ताओंके मध्य आपसी झडपकी यह कोई प्रथम घटना नहीं है । इससे पहले कोलकातामें अमित शाहके रोड शोके समय भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकोंके मध्य हिंसक झडपें हुई थी । यद्यपि उस समय शाहको किसी प्रकारकी चोट नहीं आई थी और पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थानपर ले गई । हिंसा तब भडक उठी, जब विद्यासागर महाविद्यालयके भीतरसे टीएमसीके कथित समर्थकोंने उनके दलपर पथराव किया, जिससे दोनों दलोंके समर्थकोंके मध्य झडपें हुई थीं ।
क्रोधित भाजपा समर्थकोंने भी उसीप्रकार प्रतिक्रिया दी और महाविद्यालयके प्रवेशद्वारके बाहर टीएमसी प्रतिद्वंद्वियोंके साथ मारपीट करते दिखे । इस घटनाके पश्चित ममता बैनर्जी और बीजेपीके मध्य आरोप-प्रत्यारोप भी आरम्भ हो गया था ।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाहने कहा था कि टीएमसीके गुंडोंने मुझपर आक्रमण करनेका प्रयास किया । ममता बनर्जीने हिंसा भडकानेका प्रयास किया; परन्तु मैं सुरक्षित हूं ।
उधर, ममता बनर्जीने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए शाहको ‘गुंडा’ बताया था । उन्होंने कहा था कि यदि आप विद्यासागरतक हाथ ले जाते हैं तो मैं आपको गुंडेके अतिरिक्त क्या कहूंगी ? उन्होंने कहा था कि मुझे आपकी विचारधारासे घृणा है ।
इस बीच बीजेपीने चुनाव आयोगसे बंगालकी मुख्यमन्त्री ममता बनर्जीको राज्यमें चुनाव-प्रचारसे रोकनेका अनुरोध किया और आरोप लगाया था कि वहां ‘संवैधानिक तन्त्र’ ध्वस्त हो गया है ।
“बंगालमें केन्द्र त्वरित राष्ट्रपति शासन घोषित करें और तृणमूलको सत्ताच्युतकर वहां शान्ति स्थापित करें । कमसे कम अब तो भाजपा अपने कार्यकर्ताओंकी ओर देखें । यदि कार्यकर्ता ही मरते रहे तो शेष लोग किसके विश्वासपर भाजपाको लाएंगें ?”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : एनडीटीवी
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