वहां मौजूद हर कोई राष्ट्रभक्ति से लबरेज था , वहां पर हर किसी के मन में राष्ट्र के लिए अपार प्रेम था लेकिन कोई एक था जो ये सब पसंद नहीं कर रहा था .. जिस स्थान पर राज्यपाल तक खड़े थे राष्ट्र के सम्मान में उसी स्थान पर एक अहमद था जिसने खड़े होना मुनासिब नहीं समझा और किया भारत माता का अपमान . ये स्थान कोई और नहीं फारुख और राशिद जैसे आतंक और पाक परस्त लोगों के बयानों से गूंजने वाला जम्मू कश्मीर था .
ज्ञात हो कि कला, संस्कृति अैर भाषा अकादमी द्वारा आयोजित जिस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और वहां मौजूद तमाम अधिकारी सम्मान के साथ खड़े थे वहीँ इसी कार्यक्रम के दौरान दुस्साहसिक रूप से एक सरकारी अधिकारी खड़ा नहीं हो रहा था . इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब जा कर कश्मीर की राज्य सरकार ने इसको गंभीरता से लिया है लेकिन बेहद साधारण कार्यवाही करते हुए महज इस राष्ट्रगान विरोधी अधिकारी से मात्र जवाब भर माँगा है .
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