नवम्बर १७, २०१८
पश्चिम बंगाल सरकारने ‘सीबीआई’को राज्यमें छापे मारने या जांच करनेके लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी’ शुक्रवार, १६ नवम्बर, २०१८ को वापस ले ली । राज्य सचिवालयके एक शीर्ष अधिकारीने ‘पीटीआई’के सन्दर्भसे यह जानकारी दी । पश्चिम बंगाल सरकारके निर्णयसे ठीक पहले आंध्र प्रदेश सरकारने भी यही पग उठाया था ।
बता दें कि पश्चिम बंगालमें वर्ष १९८९ में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकारने सीबीआईको सहमति दी थी । इस सहमतिमें यह निर्धारित हुआ था कि सीबीआई राज्य सरकारसे कोई विशेष अनुमति लिए बिना भी राज्यमें जांच या छापेमारी कर सकती है ।
एक अधिकारीने नाम नहीं प्रकट होनेकी शर्तपर पीटीआईसे कहा कि शुक्रवारको जारी आदेशके पश्चात सीबीआईको अबसे न्यायालयके आदेशके अतिरिक्त अन्य प्रकरणमें किसीप्रकारकी जाांंचकेे लिए राज्य सरकारकी अनुमति लेनी होगी । सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानूनके अन्तर्गत कार्य करती है ।
“जहां बांग्लादेशी घुसपैठी बिना प्रतिबन्ध घुसकर कुछ भी कर सकते है, वहां देशकी ‘सीबीआई’ नहीं ! ममता बैनर्जीको किस बातका भय है ?”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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