लखनऊके मां एवं पुत्रने दिया था आतंकियोंको धन !!!


दिसम्बर २७, २०१८


उत्तरप्रदेश व अन्य राज्योंमें आतंकी आक्रमणकी तैयारी कर रहे ‘आईएसआईएस’के प्रारुप ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’को लखनऊ निवासी मां और पुत्रद्वारा भी वित्त-पोषण (फंडिंग) किए जानेकी बात सामने आ रही है। ‘एनआईए’ दोनोंको बन्दी बनाकर पूछताछ कर रही है ।

अमरोहा, हापुड और मेरठमें छापेमारीके साथ ही ‘एनआईए’के दलने बुधवार, २६ दिसम्बर प्रातः लगभग चार बजे वजीरगंजके नबीउल्ला रोड स्थित अहमद मंजिलको घेर लिया । ‘एटीएस’ और पुलिसके दल भी उनके साथ थें । ‘एनआईए’ने अहमद मंजिलमें रहने वाले तीन भाइयोंमेंसे एककी पत्नी और पुत्रके कक्षका अन्वेषण किया । इस मध्य वहां मिले दो लैपटॉप, महिला और उसके पुत्रके चलभाष ‘एनआईए’ने अधिकृत कर उनकी सूचनाएं स्थानान्तरित की । साथ ही कई लिखित-पत्र भी अधिकृत कर लिए गए ।

‘एनआईए’की पूछताछमें सामने आया है कि महिलाने अकबरी गेट स्थित ‘जमजम आभूषण विक्रेता’को कुछ समय पूर्व लगभग पौने तीन लाख रुपयेके आभूषण विक्रय किए थे । आभूषण विक्रयकर मिली राशि उसने एक व्यक्तिकेद्वारा अमरोहा भिजवाई थी । ‘एनआईए’ धन ले जाने वाले व्यक्तिको खोज रही है । दल महिलाको लेकर अकबरी गेट स्थित जमजम आभूषण विक्रेताके यहां भी गया । दुकानके स्वामीको नक्खास चौकीमें बुलाकर महिलाद्वारा आभूषण विक्रय किए जानेकी पुष्टि भी की गई । इसके पश्चात ‘एनआईए’ महिला, उसके ज्येष्ठ पुत्र और पतिको साथ लेकर चली गई ।

आतंकी संगठन ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’ने वजीरगंज निवासी इन दोनोंको ‘फेसबुक’ और व्हाट्सएपकेद्वारा स्वयंसे जोडा । सूचनाके अनुसार ‘फेसबुक’से सम्पर्कमें आनेके पश्चात संचालककी ओरसे दोनोंको जिहादी साहित्य, विडियो व अन्य सामग्री भेजी जाने लगी । इसी बातमें आकर मां और पुत्र वित्त-पोषणके (फंडिंगके) लिए सिद्ध हुए । महिलाके ससुरालवाले भी उसके दिन भर ‘फेसबुक’ व ‘चैट’में व्यस्त रहनेपर विरोध प्रकट करते थे, परन्तु उन्हें ज्ञात ही नहीं था कि वह आतंकी संगठनोंके सम्पर्कमें है ।

‘एनआईए’की पूछताछके समय महिलाके घरवालोंने बताया कि मां और उसका पुत्र अधिकतर अपने कक्षमें ही रहते थे । उनका अधिकसे अधिक समय फेसबुक और चलभाषपर ही व्यतीत होता था । कभी-कभी १०-१० दिवस तक ये लोग न नीचे उतरते थे और न ही किसीसे मिलते थे ।

महिलाके देवरने बताया कि उसका भतीजा पहले नगरके प्रसिद्ध विद्यालयमें पढता था । आठवीं तक उसकी शिक्षा वहीं हुई । जब वह आठवींमें था तो भाभीके कहनेपर भाईने उसका नाम वहांसे कटवाकर बिल्लौचपुरा स्थित नदवाके मदरसा ‘मजहरूल इस्लाम’में उसका नाम लिखवा दिया । वह वहांसे माध्यमिकके साथ ‘इल्मियत’की शिक्षा ले रहा है ।


“किसप्रकार देशके भीतर ही राष्ट्रद्रोही छिपे हुए हैं और किसप्रकार केवल आतंकी ही तैयार करते हैं, यह प्रकरण यही उजागर करता है और हिन्दू है कि धर्मनिरपेक्षसे दंशसे बाहर ही नहीं चाहता है ! इससे पूर्व अधिक देरी हो, हिन्दुवादियोंको जागना होगा !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : नभाटा



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