पंजाबके ४.७४ लाख अपात्र किसानोंने प्राप्त की ‘पीएम’ किसान निधि, ‘आरटीआई’से हुआ उजागर, अब लौटाना होगा


१२ जनवरी, २०२१
        ‘प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना’के अन्तर्गत केन्द्र शासनने निर्धन किसानों हेतु धनराशि देनेकी योजना बनाई थी । इसमें कुछ राज्योंमें हुए घोटाले ज्ञात हुए हैं । इनमें २०.४८ लाख अपात्र किसानोंके खातोंमें १३६४ कोटि धन स्थानान्तरित किया गया । केन्द्रीय कृषि मन्त्रालयने एक ‘आरटीआई’के उत्तरमें यह उजागर किया है । अपात्र लाभार्थी किसानोंकी सङ्ख्या पंजाबमें सर्वाधिक है ।
         उल्लेखनीय है कि ‘पीएम’ किसान योजनाके अन्तर्गत निर्धन किसानोंको ६००० रुपयेकी राशि २००० रुपयेके ३ भागोंमें दी जाती है । मोदीजीने यह योजना २०१९ से उन किसानोंके लिए प्रारम्भ की, जिनके पास २ ‘हेक्टेयर’से न्यून भूमि है । अभी-अभी २५ दिसम्बरको इस योजनाके अन्तर्गत अनेक अपात्र किसानोंको यह राशि दे दी गई । अब मन्त्रालयद्वारा अपात्र किसानोंसे दी गई धनराशि लौटानेकी प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है ।  ‘आरटीआई’ आवेदक वेंकटेश नायरको शासनद्वारा दी गई जानकारीके अनुसार, ५५.५८ प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जो आयकर दाता हैं, तो ४४.४१ ऐसे जो योजनाकी अर्हता पूर्ण नहीं करते । पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात तथा उत्तर प्रदेशमें सर्वाधिक अपात्र लाभार्थी पाए गए हैं, जिनमें २३.१६% अर्थात ४.७४ लाख मात्र पंजाबमें हैं । पंजाब, असम तथा गुजरातमें सर्वाधिक ५४% अयोग्य लाभार्थी पाए गए हैं ।
        केन्द्र शासनद्वारा अपात्र किसानोंद्वारा छलसे प्राप्त की गई धनराशि पुनः लेनेकी प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है ।
         यह एक कटु सत्य है । शासन एक ओर किसानों हेतु एकके पश्चात एक योजनाएं ला रहा है और कथित किसान उसका केवल दुरुपयोग ही करते हैं, जिसपर रोक लगाई जानी चाहिए । किसानोंका हित अवश्य होना चाहिए; परन्तु लूट व चोरीका दण्ड भी कठोर होना चाहिए और शासन इस विषयमें संज्ञान ले ! ऐसी व्यवस्थागत विसंगतियोंको दूर करनेके लिए हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना आवश्यक है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ 

स्रोत : ऑप इंडिया



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution