महाराष्ट्रके बीडमें विवाहित अवयस्कके साथ ४०० लोगोंने किया दुष्कर्म, घटनामें ‘पुलिस’कर्मी भी सम्मिलित, पीडिता २ माह की है गर्भवती
१४ नवम्बर, २०२१
महाराष्ट्रके बीड जनपदके अंबाजोगाईमें मानवताको झकझोर देनेवाला प्रकरण सामने आया है । यहां एक अवयस्क लडकीसे ६ माहके मध्य ४०० लोगोंने दुष्कर्म किया । इससे वह दो माहसे गर्भवती भी हो गई । पीडिताके परिवादपर ‘पुलिस’ने प्रकरण प्रविष्टकर चार लोगोंको बन्दी बना लिया है । पीडिताके पिता श्रमिक हैं और किसी प्रकार परिवारका निर्वाह करते हैं, २ वर्ष पूर्व पीडिताकी मांंका निधन हो गया था । उसके पश्चात पिताने पीडिताका विवाह कर दिया; किन्तु ससुरालमें उसे निरन्तर प्रताडित किया जाता था । उसके ससुरने ही उसके साथ अभद्र व्यवहार किया था । इसके पश्चात पीडिता अपने पिताके घर लौट आई । पिताके घर आनेके पश्चात वह चाकरी ढूंंढने लगी । इस कर्ममें वह अंबाजोगई नगर गई, जहांंके एक संस्थामें (ऐकेडमीमें) उसका परिचय दो लोगोंसे हुआ । इन लोगोंने चाकरी दिलानेके नामपर उसके साथ दुष्कर्म किया । इसके पश्चात १०० और लोगोंने उसके साथ दुष्कर्म किया । इनमें एक ‘पुलिस’कर्मी भी था । इस प्रकार लगभग ६ माहमें ४०० लोगोंने उसके साथ दुष्कर्म किया ।
पीडिता बाल कल्याण समितिकी देखरेखमें है । समितिके निरीक्षणमें उसका गर्भ गिरानेकी प्रक्रिया चल रही है, जिससे वह बच्चेको जन्म देनेसे बच सके । पीडिताने समितिके सामने अपने साथ हुई इस घटनाका विवरण दिया । उसने बताया कि जब दुष्कर्मका परिवाद लेकर वह अंबाजोगाई नगरके ‘पुलिस’ ‘थाने’में गई तो किसीने भी परिवाद प्रविष्ट नहीं किया । वहीं, ‘ड्यूटी’पर नियुक्त एक ‘पुलिस’वालेने सहायताके नामपर उसे एक ‘लॉज’में लेकर गया और उससे दुष्कर्म किया । इस प्रकरणमें ‘पुलिस’कर्मीके सहभागी होनेके समाचारके पश्चात प्रश्न उठने लगे हैं । इसके पश्चात बीडके ‘पुलिस’ अधीक्षक आर राजाने प्रकरणकी जांचका आदेश दिया है ।
निधर्मी लोकतान्त्रिक व्यवस्थामें शासन, प्रशासन व समाजकी चेतना व आदर्शोंका व्यापक पतन होनेसे सर्वक्षेत्रोंका आपराधीकरण हुआ है, जहां मनुष्योंका अस्तित्व वस्तुतुल्य होनेसे स्त्रियोंके विरुद्ध जघन्यतम अपराधोंमें व्यापक वृद्धि हो रही है । धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनासे ही समाजकी चेतनाका उत्थानकर रामराज्यकी स्थापनाके लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा सकता है । अतः योग्य साधना व हिन्दू राष्ट्र स्थापनार्थ सभीका कृतिशील होना आवश्यक है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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