उच्च न्यायालयके न्यायाधीशने ‘काजी’के समक्ष जाकर मुसलमान बननेके लिए कहा
१ अगस्त, २०२२
सामाजिक जालस्थलपर एक दृश्य श्रव्य तीव्रतासे फैल रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयके न्यायाधीश रोहित आर्य एक मुसलमान लडकीके हिन्दू बननेपर न केवल अत्यधिक क्रोधित (नाराज) हुए; अपितु न्यायाधीश लडकेको मुसलमान बननेका उपदेश दे रहे हैं । उन्होंने लडकीके हिन्दू बननेको छल बताया और इसके समाजपर गम्भीर दुष्परिणाम पडनेकी टिप्पणी की है ।
न्यायालयमें दो न्यायाधीश एक साथ बैठे दिखाई दे रहे हैंं । उनमेंसे एक ने कहा, “ये प्रपञ्च (तमाशा) स्वीकार नहीं किया जाएगा और सभीको बन्दी बनाया जाएगा ।” न्यायाधीशने लडकीको ‘काजी’के समक्ष जाकर पुनः मुसलमान बननेके लिए कहा । यह सुनवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयकी ग्वालियर पीठमें १८ जनवरी २०२२ हो हुई थी । इस प्रकरणका मूल आधार मध्य प्रदेशके शिवपुरी जनपदकी एक मुसलमान लडकीको आर्य समाज मन्दिरमें हिन्दू धर्म स्वीकार करवानेको लेकर था । न्यायाधीशके अनुसार, फैजल इस प्रकरणकी सुनवाईमें ‘कुरान’के दृष्टिकोणसे सहयोग करेंगे ।
उक्त न्यायाधीश सर्वप्रथम यह सुनिश्चित करें कि वे भारतीय न्यायव्यवस्थामें सामान्यसे चाकर हैं या ‘कुरान’ और ‘शरीयत’के आधारपर पाकिस्तानमें अन्धा न्याय दे रहे हैं ? भारतवर्षमें हिन्दू राष्ट्रकी पुनर्स्थापनासे ही न्यायव्यवस्थाको विवेकी और उत्कृष्ट बनाया जा सकता है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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