विपिन रावतका प्रखर विवेकपूर्वक वक्तव्य, कहा कि हम रूढीवादी हैं, सेनामें समलैंगिकता विधान लागू नहीं करेंगें !!


जनवरी १०,२०१९

समलैंगिकताको उच्चतम न्यायालयकी ओरसे अपराधकी श्रेणीसे हटानेके निर्णयके बारेमें बोलते हुए सेनाध्यक्ष विपिन रावतने गुरुवार, १० जनवरीको यह कहा कि इसे सेनामें नहीं पारित किया जा सकता है ।

वार्षिक सम्वाददाता सम्मेलनके समय जनरल रावतने कहा कि सेनामें ऐसी चीजोंपर प्रतिबन्ध है । उन्होंने आगे कहा कि सेना विधानके ऊपर नहीं है । हम इसे सेनाके भीतर नहीं होने देंगें ।

गत वर्ष सितम्बरमें उच्चतम न्यायालयकी पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठने एक निर्णय सुनाते हुए लगभग १५८ वर्षों प्राचीन भारतीय दंड संहिताकी ‘धारा-३७७’को समाप्त कर दिया, जो अप्राकृतिक यौन सम्बन्धको अपराध मानता था । न्यायालयने कहा कि यह समानताके अधिकारका उल्लंघन करता है ।
बिपिन रावतने कहा कि इस प्रकरणमें सेना रुढिवादी है । हम ऐसे पापकी आज्ञा सेनामें नहीं देंगें ।
गत वर्ष न्यायालयने ब्रिटिशकालीन ‘एंटी एडल्ट्री विधान’को समाप्त करते हुए इसे असंवैधानिक बताया था ।

 

“जो घृणित कृत्य एक पशु भी नहीं करता है, जिसे ईश्वरने विवेक भी नहीं प्रदान किया है, उसे न्यायालयद्वारा विवेक प्रदत्त मनुष्योंके लिए न्यायोचित बताना अविवेकपूर्ण व मूर्खतापूर्ण निर्णय ही कहा जा सकता है; विपिन रावत सदृश विवेकी मनुष्योंको साधुवाद, जो अविवेकियोंको वास्तविकता दिखाने हेतु मानवताके मूल्योंको बचाए हुए हैं ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : लाइव हिन्दुस्तान



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