वीर सावरकरका अपमान; किन्तु बांग्लादेशी ‘मौलाना’ ‘भारतका स्वतन्त्रता सेनानी’: ‘AAP’ने लगाया फलक, केजरीवाल भी ‘घेरे’में


२४ जुलाई, २०२२
      वीर सावरकरका अपमान करनेवाली ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ अब बांग्लादेशी ‘मौलाना’ महमूद हसनको भारतका स्वतन्त्रता सेनानी बताते हुए देहलीमें फलक लगा रही है । बता दें कि ७५ वें स्वतन्त्रता दिवससे पूर्व जब राष्ट्र ‘स्वतन्त्रताका अमृत महोत्सव’ मना रहा है, ऐसेमें समूचे देशमें भारतीय स्वतन्त्रता सेनानियोंके फलक लगाए गए हैं; किन्तु ‘AAP’को बांग्लादेशके ‘मौलाना’से प्रेम है और वे उसे भारतका स्वतन्त्रता सेनानी बतानेको उद्विग्न है ।
      वास्तवमें, ‘AAP’ अनेक माह पूर्व देहलीके जामिया नगरमें आयोजित ‘फ्रीडम फाइटर फाउंटेन’में चाहती थी कि ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय’के संस्थापक ‘मौलाना’ महमूद हसन देवबंदीके फलक भी लगाए जाएं; किन्तु उसने जो फलक लगाया वह देवबंदीका नहीं; अपितु ‘मौलाना’ महमूद हसनका था, जो बांग्लादेशी है । उसका चित्र महात्मा गांधी, ‘मौलाना’ अबुल कलाम आजाद, भगत सिंह, सुखदेव और अशफाकुल्लाह खान जैसे स्वतन्त्रता सेनानियोंके साथ लगाया गया ।
      सबसे बडी बात तो ये है कि गत अनेक माहसे ये ‘बोर्ड’ वहींपर पडा हुआ है और उसमें अबतक कोई सुधार नहीं किया गया है । इस सम्बन्धमें देहली शासन या ‘AAP’ की ओरसे कोई प्रतिक्रिया भी नहीं आई है । कुछ समय पूर्व ही देहलीके मुख्यमन्त्री अरविंद केजरीवालने वीर विनायक दामोदर सावरकरका अपमान किया था और स्वयंको भगत सिंहका अनुसरण करनेवाला बताया था । उन्होंने स्वयंको ‘भगत सिंहकी सन्तान’ और ‘भाजपा’पर लक्ष्य साधते हुए ‘सावरकरकी सन्तान’ कहा था । देहलीके उपमुख्यमन्त्री मनीष सिसौदियापर लगे आरोपोंपर आवेशमें आकर उन्होंने ये बातें कही थीं । ये प्रकरण ‘आबकारी नीति’में भ्रष्टाचारसे जुडा हुआ है ।
     जो स्वयंको भगत सिंहकी सन्तान बतानेमें जुटे हैं, वे केजरीवाल बांग्लादेशी ‘मौलाना’ महमूद हसनको स्वतन्त्रता सेनानी बतानेमें भी पीछे नहीं है । इस प्रकारका ‘दोगला’ चरित्र किसी राजनेताका ही हो सकता है । अपने साथी नेताको बचाने हेतु किसी अन्यका अपमान करना नेताओंकी वृत्ति है । हिन्दू इनका बहिष्कार करें । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution