आश्रमका महत्त्व भाग – ६


सात्त्विक जीवन प्रणाली क्या है ?, यह सीखनेका उत्तम स्थल है आश्रम : वर्तमान कालमें धर्म शिक्षणके अभावमें अधिकांश हिन्दुओंकी जीवन शैली रज-तम प्रधान हो चुकी है; किन्तु आज भी सन्तोंके आश्रममें सात्त्विक जीवन प्रणालीका अनुसरण किया जाता है, इससे एक सर्व सामान्य व्यक्ति सात्त्विक जीवन प्रणाली कैसे व्यतीत करना चाहिए ?, यह सीखता है; क्योंकि आध्यात्मिक प्रगति हेतु सात्त्विक जीवन प्रणाली व्यतीत करना परम आवश्यक होता है, तभी वह जीव साधनाके उतरोत्तर चरणोंमें त्रिगुणातीतकी स्थितिको साध्य कर सकता है । आश्रममें जाकर रहनेसे ही हम इस स्थितिको साध्य कैसे करना है ?, यह सीख सकते हैं ।



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