अदरकके आयुर्वेदिक गुण


आयुर्वेद अपनाएं, स्वस्थ रहें ! (भाग – ३)

अदरक एक शक्तिशाली ऑक्सीकरण रोधी (एंटीऑक्सीडेंट) पदार्थ है, जो प्रतिरक्षा प्रणालीको सशक्त करता है; जिससे यह सर्दी-खांसी तथा इस ऋतुमें होनेवाले ज्वरका जाना-माना उपचार है । ऊपरी श्वास मार्गके संक्रमणमें आराम पहुंचानेके कारण यह खांसी, खराब गले और श्वसनीशोथ या ब्रोंकाइटिसमें भी बहुत प्रभावी रहता है ।
अदरक जाडेके समय उत्तेजित होनेवाले दुखदायी वायुविवर (साइनस) सहित शरीरके सूक्ष्म संचरण माध्यमोंको भी स्वच्छ करती है । सर्दी-खांसी और फ्लूमें नींबू तथा मधुके (शहदके) साथ अदरककी चाय पीना बहुत लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपाय है ।

अदरकमें ऊष्मा अर्थात गर्मी लानेवाले गुण भी होते हैं, इसलिए यह सर्दियोंमें शरीरको गर्म कर सकती है और सबसे अहम बात यह है कि यह स्वास्थ्यके लिए हितकारी स्वेदको (पसीनेको) बढा सकती है । शरीरको विषमुक्त करने और सर्दीके लक्षणोंमें लाभदायक इस प्रकारका स्वेद जीवाणुओंसे और फंगल संक्रमणोंसे भी लडनेमें सहायता करता है ।
सबसे अच्छी बात यह है कि अदरकमें सक्रिय पदार्थ होते हैं, जो सरलतासे शरीरद्वारा सोख लिए जाते हैं; इसलिए आपको उसका लाभ उठानेके लिए उसे अधिक मात्रामें उपयोग करनेकी आवश्यकता नहीं होती ।



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