वायुसेना अधिकारी अभिनन्दनका शौर्य, तालाबमें कूदकर निगल लिए थे मानचित्र व लिखितपत्र !!


फरवरी, २८, २०१९


मोहम्मद रज्जाक पाक अधिकृत कश्मीरके भीमबर जनपदके हूरान गांवमें अपने घरके दालानमें था । बुधवार, २७ जनवरी प्रातःकाल लगभग पौने नौ बजे कुछ धुएं और ध्वनिने उसका ध्यान खींचा । उसने घरके बाहर आकाशकी ओर देखा तो कुछ ही पलोंमें उसे ज्ञात हुआ कि दो यान जल उठे थे । इनमेंसे एक सीमाकी ओर उड रहा था और दूसरा लपटोंमें घिरा सीधे भूमिपर गिरता चला आ रहा था ।

एक ‘पैराशूट’ भूमिपर उतर रहा था और यह दृश्य उसके घरसे लगहग एक किलोमीटर दूर था । रज्जाक उसकी ओर बढा और उसने देखा कि उस ‘पैराशूट’से एक व्यक्ति उतरा था । इसके पश्चात हूरान गांवसे ही दूरभाषपर बताया कि एक ‘पैराशूट’से एक विमान चालक गिरा था । रज्जाकने गांवके कई लोगोंको एकत्र किया और सबने मिलकर सेनाके वहां पहुंचनेतक उसको पकडे रखा; परन्तु, इस मध्य वह पायलट मानचित्र और लिखितपत्र निगलनेमें सफल हुआ ।

ये यान चालक था, भारतीय वायुसेना विभागीय अधिकारी अभिनंदन, जो अब भी पाकिस्तान सेनाके पास है ! उल्लेखनीय है कि एक ‘एयरक्राफ्ट’के नष्ट हो जानेके पश्चात अभिनंदनको पाकिस्तानमें ‘पैराशूट’से उतरना पडा और इसके पश्चात अभिनंदनको पकड लिया ।

पाकिस्तानी मीडिया समूह ‘डॉन’के अनुसार जिस समय पाककी भूमिपर अभिनंदन विवशतापूर्ण उतरेंं, तब उनके पास एक पिस्तौल थी । गांवके लोगोंने अभिनंदनको पकड लिया था और तब अभिनंदनने प्रथम प्रश्न किया था ‘ये हिंदुस्तान है या पाकिस्तान ?’

अभिनंदनके इस प्रश्नके उत्तरमें पाकिस्तानके ग्रामीणोंने चतुराईसे उसे उत्तर दिया कि ‘ये हिंदुस्तान है !’ इसके पश्चात अभिनंदनने हिंदुस्तान जिन्दाबादके उद्घोष करते हुए उन लोगोंसे पूछा कि वह भारतमें ठीक-ठीक किस स्थानपर था । तभी कुछ लोगोंने उसे उस स्थानका नाम किल्लान बताया ।

तदोपरान्त अभिनन्दनने अपनी पीठके चोटिल होनेकी बात कहते हुए उन लोगोंसे पीनेके लिए पानी मांगा । तभी, अभिनंदनके उद्घोषसे क्रोधित कुछ युवकोंने ‘पाकिस्तान आर्मी जिन्दाबाद’के उद्घोष लगाने आरम्भ किए । यह सुनकर अभिनंदनने अपनी पिस्तौलसे हवामें गोली चलाई और उन युवकोंने अपने हाथमें पत्थर उठा लिए !!

इसके पश्चात अभिनंदन उन लडकोंको पिस्तौल दिखाते हुए लगभग आधे किलोमीटरतक भागे थे । युवकोंको भयभीत करनेके लिए उसने गोलीबारी की; परन्तु वे भयभीत नहीं हुए और उसके पीछे भागे, तभी अभिनन्दनने एक छोटे तालाबमें छलांग लगा दी ।

तालाबमें कूदते ही अभिनंदनने अपने पाससे कुछ मानचित्र और लिखितपत्र निकाले । जितने वह चबाकर निगल सके, निगल गए और शेष उसने तालाबके जलमें ही गला दिए ! इस मध्य अभिनन्दनके पीछे पडे युवक उन्हें पिस्तौल फेंकनेकी चेतावनी दे रहे थे और फिर एकने अभिनंदनके पैरमें गोली मार दी !

इसी मध्य, पाकिस्तान सेनाके सैनिक वहां पहुंचे और अभिनंदनको पकड लिया । रज्जाकने कहा कि ‘अल्लाहका धन्यवाद कि उन लडकोंमेंसे किसीने उस चालकको गोली नहीं मार दी; क्योंकि सेनाके पहुंचनेतक काफी समय था !’

 

“राष्ट्रकी वृत्ति इसी बातसे समझ आती है कि हमारे यहां आतंकियोंको भी बिरयानी खिलाई जाती है !! कोई सैनिक आए तो उसे ससम्मान लौटाया जाता है ! वहीं वहांके युवा भी आतंकी समान व्यवहार करते हैं, इससे ही ज्ञात होता है कि जन-जनके मनमें किसप्रकार जिहादी व इस्लामिक विष भरा है और हम आशा कर रहे हैं कि वह सुधर जाएगा तो वह हास्यास्पद ही है; परन्तु इन सबके मध्य ‘विंग कमांडर’ अभिनन्दनका शौर्य व सूझ-बूझ अभिनन्दनीय है ! ऐसे साहसी शूरवीरको हम नमन करते हैं ! कितना दुःखद है कि ऐसे शूरवीरोंपर राज्य करनेवाले वे भ्रष्टाचारी हैं, जो शत्रुके मध्य नहीं, वरन अपनोंके मध्य भी विष उगलते हैं और सैन्य कार्यवाहीपर भी साक्ष्य मांगते हैं ! हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाके साथ यह दृश्य अवश्य परिवर्तित होगा और तब भारतके इन वीरोंकी ओर वक्र दृष्टिसे देखनेवाला भी कोई न होगा !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : ऑप इण्डिया



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