विश्वके अनन्त विषयोंमेंसे एक विषयका थोडासा ज्ञान होनेपर आधुनिक वैद्य (डॉक्टर), अधिवक्ता (वकील), स्थापत्यविशारद (इंजीनियर), लेखपाल (अकाउण्टेण्ट), कलाकार इत्यादिमेंसे कुछ बन जानेका अहंकार करनेवाला मनुष्य कितना मूर्ख होता है; कारण ईश्वरको केवल पृथ्वीकी मायाके सर्व विषयोंका ही नहीं; अपितु मायासह अनन्त कोटि ब्रह्माण्डका तथा ब्रह्मतत्त्वका ज्ञान होता है ।
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