जुलाई १५, २०१८
‘ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ने (एआईएमपीएलबी) ‘शरिया न्यायालय’के गठनपर अपना रुख नरम करनेसे मना करते हुए शीघ्र ही ऐसे और छह न्यायालयोंके गठनकी घोषणाकी है ! संस्थाकी कार्यकारी समितिकी बैठकमें ‘हलाला’का समर्थन करनेके साथ ही इस्लामिक विधानकी सूचना देनेके लिए देश भरमें शरिया कक्षाएं लगानेकी भी घोषणाकी है । ‘एआईएमपीएलबी’ने इन प्रकरणमें समाचार माध्यमोंपर भ्रम फैलानेका आक्षेप भी किया ।
बैठकके बाद संस्थाके सचिव जफरयाब जिलानीने कहा कि ‘दारुल कजा’ जिसे समाचार माध्यम शरिया न्यायालयका नाम दे रहा है, न तो समानान्तर न्यायालय है और न ही देशकी न्यायिक व्यवस्थाको चुनौती है । ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ और भाजपा इस प्रकरणमें अपनी राजनीति चमकानेके लिए लोगोंको भ्रमित कर रहे हैं । इसमें धर्मके कुछ प्रकरणको हल किया जाता है । यदि कोई पक्ष ‘दारुल कजा’के निर्णयसे सन्तुष्ट नहीं है तो वह किसी भी न्यायालय जा सकता है ।
बैठकमें १० ‘शरिया न्यायालय’के गठनका प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसे स्वीकृत कर लिया गया है । इनमेंसे छह न्यायालयका गठन शीघ्र किया जाएगा । इनमें उत्तरप्रदेशमें २, महाराष्ट्र और गुजरातमें एक-एक तथा २ अन्य राज्योंमें गठित किए जाएंगे ! जिलानीने कहा कि समितिने कभी भी पूरे देशमें शरिया न्यायालयके गठनकी बात नहीं कही थी । जिन क्षेत्रोंसे ऐसे न्यायालयके गठनकी मांग आएगी या आवश्यकता महसूसकी जाएगी, समिति उसपर गम्भीरतासे विचार करेगी !
बैठकमें ‘हलाला’के समर्थनमें भी प्रस्ताव पारित किया गया । जिलानीने कहा कि समिति इसका समर्थन करती है, महिलाओंको इसे मानना ही होगा ! इसमें शीघ्र किसी तरहके बदलावकी अभी कोई आशा नहीं है; यद्यपि उन्होंने यह भी माना कि ‘हलाला’की प्रक्रियाके समय शरियतकी अनदेखा किया जाता है ।
‘शरिया न्यायालय’के गठनपर विवाद भले ही वर्तमानमें हो रहा हो, परन्तु यह कोई नूतन प्रकरण नहीं है । देशमें इस समय पहले से सौ शरिया न्यायालय चल रहे हैं ! गत दिवस ‘एआईएमपीएलबी’ने प्रत्येक प्रान्तमें शरिया न्यायालयके गठनकी थी ।
स्रोत : अमर उजाला
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