५ भ्रमणभाष यन्त्र और १४ सिमका प्रयोग करनेवाला आतंक समर्थक अमजद अली बन्दी बनाया गया !


मार्च ४, २०१९


जहां देशके वीर सैनिक भारतकी सीमाओंकी रक्षा करनेके लिए सीमा पार जाकर अपने प्राणोंपर खेल रहे हैं तो वहीं देशके भीतर ही देशको दुर्बल करनेके लिए वो सभी लोग सक्रिय हो चुके हैं, जिनको यदि राष्ट्रद्रोही कहा जाए तो अनुचित नहीं होगा । ये वो लोग हैं, जो देशभक्तिका आश्रय लेकर जनताके आगे जाते हैं; परन्तु उसके पीछे छिपा होता है वो सत्य जो किसीको भी अचम्भित कर देनेके लिए पर्याप्त होगा और प्रश्न भी करेगा कि विश्वास किसपर, किस आधारपर किया जाए ?

भारत-पाकिस्तानके मध्य तनावपूर्ण वातावरणमें राजस्थानके सीमा क्षेत्रमें एक ऐसा संदिग्ध पकडा गया है, जो पांच भ्रमणभाष और १४ सिम प्रयोग कर रहा था । जैसलमेर पुलिसके अनुसार पकडे गए संदिग्ध व्यक्तिने स्वयंको उत्तर प्रदेश निवासी अमजद अली बताया है । जैसलमेरकी लाठी पुलिसने संदिग्ध अमजद अलीसे पांच मोबाइल, १४ सिमकार्ड और एक कम्पास अधिकृत किया गया है । अभी यह ज्ञात करनेका भी प्रयास किया जा रहा है कि वह इतने चलभाष व सिम क्यों प्रयोग कर रहा था ?

बन्दी बनानेके पश्चात उसने तुरन्त ही बहाने बनाने आरम्भ कर दिए और स्वयंको इस्लामिक कार्योंको करनेवाला बताया । अबतक उससे मिली जानकारीके अनुसार और यदि उसकी मानें तो वह जैसलमेरमें मदरसोंमें चंदा एकत्रित करनेके लिए आया था; परन्तु उसकी गतिविधि संदिग्ध पाए जानेपर पुलिसके साथ सुरक्षा विभाग भी उससे पूछताछ करेगी; इसलिए उसे जेआईसी भेजा जा सकता है । इसपर बसको रास्तेमें ही रुकवा लिया गया और जैसलमेलके लाठी पुलिस थानेमें सूचना दी । सूचना पाकर पहुंची पुलिसने संदिग्धको बन्दी बनाकर पूछताछ आरम्भ कर दी । उल्लेखनीय है कि इन दिनों जैसलमेरमें हाई अलर्ट है, जिसके चलते संदिग्धोंपर कडी दृष्टि रखी जा रही है । जैसमलेरकी कई किलोमीटर सीमासे सटी हुई है ।

 

“ऐसे अनेकानेक इस्लामिक चाचाओंकी मानसिकता पाकिस्तानपर जाकर ही अटक जाती है । अमजद अपनेको मदरसेके लिए धन एकत्र करनेवाला बता रहा है और धन एकत्र करनेके लिए  पांच भ्रमणभाष यन्त्र औऋ १४ ‘सिम’की आवश्यकता होती है, यह हास्यास्पद ही है ! भारतके लोग इन्हें वृद्ध मानकर इतना सम्मान देते हैं; परन्तु अन्ततः ये इस्लामिक विष प्रकट करते हैं और वहीं विष मदरसोंमें छोटे-छोटे बालकोंकी बुद्धिमें भर देते हैं और वहीं बच्चे आगे जाकर पाकिस्तान और उसके ध्वजकी जय-जयकार करते हैं । यदि शासन अब भी सतर्क नहीं हुआ तो कहीं इस इस्लामिक विषको रोकना कठिन न हो जाए ! ऐसे अमजद अली न जाने कितने ही घूम रहे हैं तो शासन जिनका आधार लेकर ये राष्ट्रद्रोह करते हैं, उसपर प्रहार करें और इनका आधार मदरसे और मस्जिदें हैं, यह अनेकानेक प्रकरणोंसे उजागर हुआ है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : सुदर्शन न्यूज



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