जनवरी ८, २०१९
आन्ध्रप्रदेशके मुख्यमन्त्री चन्द्रबाबू नायडूने मोदी शासनके विरुद्घ विरोधके लिए १ कोटि रुपए व्यय किए, जबकि राज्यकी आंगनबाडी कर्मचारियोंको समयसे शासन वेतन भी नहीं दे पा रहा है ।
‘इंडिया टुडे’ने अपने ब्यौरेमें इस बातका दावा किया है कि आन्ध्रप्रदेशको विशेष राज्यका स्थान दिलानेके लिए राज्य शासनने देहलीमें केन्द्र शासनके विरुद्घ आन्दोलन किया । इस आन्दोलनमें भाग लेनेवाले लोगोंके यातायातकी व्यवस्था राज्य शासनद्वारा की गई थी ।
तेलुगू देशम पार्टी समर्थकोंको देहली भेजनेके लिए दो रेलोंका आरक्षण राज्य शासनद्वारा किया गया था । केन्द्र शासनके विरोधके लिए यातायातपर हुए एक कोटि रूपएका व्यय राज्य शासनने वहन किया ।
‘इंडिया टुडे’ने अपने ब्यौरेमें इस बातका भी दावा किया है कि आन्ध्र शासन भले ही आन्दोलनपर शासकीय कोषसे पैसे व्यय कर रहा हो; परन्तु राज्यके आंगनबाडी कर्मचारियोंको समयसे वेतन देनेके लिए शासनके पास पैसा नहीं है ।
यही नहीं आन्ध्रप्रदेश आंगनबाडी कर्मचारी संगठनके सचिवने बताया कि गत तीन माहसे राज्यके आंगनबाडी कर्मचारियोंको समयसे वेतन नहीं मिल पा रहा है । सचिवने ये भी बताया कि कई बार राज्यके मुख्यमन्त्रीको इस सन्दर्भमें लिखा जा चुका है, इसके पश्चात भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है ।
इसके अतिरिक्त राज्यके आंगनबाडी सचिवका यह भी कहना है कि शासन नूतन योजना लाए, यह अच्छी बात है; परन्तु पहले हम कर्मचारियोंको समयसे वेतन मिले, यह आवश्यक है ।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमन्त्री एन चन्द्रबाबू नायडूने लगभग ९,४०० कोटि रुपयेकी राशि ग्रामीण क्षेत्रमें महिलाओं और बच्चोंके विकासकी नूतन योजनामें देनेकी घोषणा की थी ।
इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रमें महिलाओं और बच्चोंके विकासके लिए काम करनेवाली सभी महिलाओंके लिए १०,००० रुपये देनेकी घोषणा मुख्यमन्त्रीद्वारा की गई थी; परन्तु सोचनेवाली बात यह है कि नूतन योजनाको शासन कैसे ला पाएगी ?, जब राज्य भरके आंगनबाडीमें काम कर रहे कर्मचारियोंको समयसे शासन पैसा ही नहीं दे पा रहा है ।
स्रोत : ऑप इण्डिया
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