मैकाले शिक्षित कुछ हिन्दू प्रतिदिन हनुमान चालीसा रटते हैं; मार्कण्डेय ऋषि रचित दुर्गा सप्तशतीके कुछ अंशोंका पाठ करते हैं; किन्तु यदि किसी लेखमें असुरों, भूत-प्रेतोंसे (अनिष्ट शक्तियोंसे) रक्षण हेतु धर्मशिक्षण अन्तर्गत कुछ तथ्य बताया जाए तो शुतुरमुर्ग समान अपनी सब इन्द्रियोंको बंद कर लेते हैं, जैसे उसकी जानकारी नहीं लेनेसे उन्हें कष्ट नहीं होगा ! ध्यान रखें, जिस प्रकार किसीको कर्क रोग (कैंसर) है, यह जाननेके पश्चात ही उसके निराकरण हेतु सतर्क होकर उपाय किया जा सकता है, उसी प्रकार आज समाजको अनुचित एवं तमोगुणी आचरणसे अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट होता है; इस विषयमें जागृति निर्माण करनेसे ही उनसे ऐसे अनुचित कृत्योंसे बचनेके प्रयास किए जा सकते हैंं !
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