शिवसेनाकी महिला नेता चलाती थी ‘सेक्स रैकेट’, मध्य प्रदेश ‘पुलिस’ने अनुपमा तिवारी सहित १० अन्योंको भी बनाया बन्दी
११ नवम्बर, २०२१
मध्य प्रदेशके सीहोर जनपदमें ‘पुलिस’ने ‘सेक्स रैकेट’का रहस्योद्घाटन किया है । इस ‘रैकेट’की मुखिया, शिवसेनाकी नेता अनुपमा तिवारी है । वह स्वयंको शिवसेनाकी नेताके अतिरिक्त, समाजसेविका, पत्रकार, ‘आईटीआई’ कार्यकर्ता और योगाचार्य भी बताती है । ‘पुलिस’ने सीहोर ‘बस’ स्थानकके (स्टैंडके) समीप स्थित अनुपमा तिवारीके निवासपर छापा मारकर, रविवार ७ नवम्बर २०२१ को, अर्धरात्रिमें ४ महिलाएं, ३ ग्राहक, गाडी चालक, महिला-प्रबन्धक और संचालिकाको बन्दी बना लिया । ये सभी महिलाएं बैरागढकी रहनेवाली हैं । इसके साथ ही, वहींपर मादकताकी वस्तुएं, वाहन और ‘नकदी’ भी अधिग्रहणमें ले लिया गया ।
सूचनाके अनुसार, अनुपमा भोपालकी महिलाओंके घर जाकर, उनसे समाजिक कार्योंमें जुडनेकी बात कहती थी । इस प्रकार वे, कार्य पानेके प्रलोभनमें, उसके जालमें फंस जाती थीं । इसके पश्चात वह किसी न किसी बहानेसे उन्हें सीहोर बुलाती और उनकी विवशताका लाभ उठाकर, उनको देह व्यापारके लिए विवश करती थी । अनुपमाने ‘पुलिस’को स्वयं बताया कि महिलाओंके उद्यत होते ही, वह उन्हें ‘सेक्स रैकेट’के ‘वॉट्सऐप’ ग्रुपमें जोड लेती थी । अनुपमा केवल विवाहित महिलाओंको ही अपने जालमें फंसाती थी । ‘एएसपी’ समीर यादवने बताया कि अनुपमाका मानना था कि विवशता और कलङ्कित होनेके भयसे ऐसी महिलाएं शीघ्र भेद नहीं खोलती हैं ।
अनुपमा तिवारीने वर्ष २०१६ में शिवसेनाकी ‘टिकट’पर नगर पालिकाध्यक्षका चुनाव लड़ा था, जिसमें वह पराजित हो गई थी । सीहोरके तत्कालीन ‘अपर कलेक्टर’द्वारा, नेहरू युवा केन्द्रके कार्यक्रममें योगाचार्यके रूपमें उसे सम्मानित भी किया जा चुका है ।
उच्च पदोंपर आसीन ही, अधिकतर रंगे सियारकी भांति दुष्कार्योंमें लिप्त पाए जाते हैं, जिनका अनुसरणकर, सामान्य व्यक्ति भी अपना जीवन नष्ट कर देते हैं । ऐसे सियारोंके गलेमें फंदा डालना ही ‘पुलिस’का कर्तव्य एवं अधिकार है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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