आपातकाल हेतु अभीसे करें अन्न भण्डारणका नियोजन !


साधको ! आपके घरमें रोटी या चावल, आप जिसका भी अधिक सेवन करते हैं, उसके भण्डारण हेतु क्या कर सकते हैं ?, इसपर शीघ्र चिन्तन आरम्भ करें ! आपके परिवार हेतु कमसे कम एक वर्षके अन्नका भण्डारण हो सके इस हेतु घरमें थोडा स्थान बनाएं !
जब मैं यह साधकोंसे कहती हूं तो वे कहते हैं, हम नगर या महानगरमें रहते हैं; इसलिए हमारे घर छोटे होते हैं; अतः हम अपने घरमें अन्नका भण्डारण कैसे करें ?, यह हमें समझमें नहीं आता है तो आपको मुझे जो कुछ उपाय सूझ रहे हैं वह बताती हूं । अब हमारे पास अधिक समय नहीं है ।
आजकल टिनके चदरेसे (शीट) बनी कोठियां विपणन केन्द्रमें (बाजारमें) मिलती हैं । आप वे क्रय कर सकते हैं । उस एक पात्रमें दससे बारह क्विंटल अन्नका भण्डारण हो सकता है और वह अधिक स्थान भी नहीं लेता है । तीन x तीन वर्ग फुटका स्थान पर्याप्त होता है । वैसे ही तेलके उपयोग किए हुए ७५ किलोके अन्न भण्डारणकी क्षमता रखनेवाले प्लास्टिकके पात्र भी मिलते हैं, जो ‘एयर टाइट’ होते हैं उन्हें भी आप एकके ऊपर एक रखकर बहुत ही कम स्थानपर दालें, ‘नमक’, मसालोंका वर्ष भरका भण्डारण कर सकते हैं । हमारे यहां वर्षमें तीनसे चार बार किसान ऋतु अनुरूप भिन्न प्रकारके अन्न व शाक जैसे आलू इत्यादि उपजाते हैं । आप, अपने क्षेत्रमें जो उपजता हो एवं यदि आप जिसका उपभोग अधिक करते हैं तो उसका भण्डारण जब वह अनाज या वस्तु उपजता है, उसी समय उसका भण्डारण करें, इससे वह अनाज अल्प मूल्यमें मिलेगा ।
अन्नके भण्डारण हेतु नगरों एवं महानगरोंमें रहनेवाले लोग अपने बाहर जो ‘बालकॉनी’ होती है, उसे भी बन्द करवाकर एक छोटा भण्डारगृह बना सकते हैं और यदि उसमें पश्चिमकी धूप पडे तो और भी अच्छा रहेगा । इससे आपके अन्नमें धूप लगती रहेगी और उसमें ‘नमी’ न आनेके कारण वह अधिक समय रहेगा । वैसे ही जिनके पास छत है वे उसमें भी एक छोटासा भण्डारकक्ष बना सकते हैं ।
साथ ही आप ‘कोल्ड स्टोरेज’में भी जहां छोटे किसान अपने अन्न व शाकका भण्डारण करते हैं, वहां भी कर सकते हैं । अर्थात इस सम्बन्धमें आपको ही चिन्तन करना होगा कि आप अपने लिए अन्नका भण्डारण कैसे कर सकते हैं ? जिन लोगोंका गांव उनके नगरसे लगा हुआ है, वहां भी वे अपनी आवश्यकता अनुरूप अन्नका भण्डारण कर सकते हैं ।



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