आप सब देख ही रहे होंगे कि पिछले तीन-चार वर्षोंसे प्रकृति भी अपना कोप भिन्न माध्यमोंसे प्रकटकर रही है, कभी भयंकर सूखा तो कहीं बाढ तो कभी ऋतु विपरीत ओलावृष्टि ! पूरे विश्वमें अनेक स्थानोंपर मानव निर्मित एवं प्राकृतिक अग्निकाण्डमें भी अत्यधिक वृद्धि हुई है ! अब टिड्डेका दल पाकिस्तानसे भारत आने लगा है ! यह सब आपातकालकी सूचना है । सन्तों और द्रष्टाओंने जिस कालका वर्णन किया था या किया है, वह आ गया है; अतः अब तो साधना आरम्भ करें ! ध्यान रहे इस कालमें मात्र और मात्र ईश्वर ही हमारा रक्षणकर सकते हैं !
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