मार्च २९, २०१९
हिन्दू पाकिस्तानमें सबसे बडा अल्पसंख्यक समुदाय है । आधिकारिक अनुमानके अनुसार पाकिस्तानमें लगभग ७५ लाख हिन्दू रहते हैं । समाचारोंके अनुसार सिंध प्रान्तके अकेले उमेरकोट जनपदमें प्रत्येक माह लगभग २५ निकाह बलपूर्वक कराए जाते हैं !
पाकिस्तान उच्च न्यायालयने कथित अपहरण एवं बलात धर्मान्तरणके पश्चात मुस्लिमोंसे विवाह करनेको विवश की गई दो हिन्दू लडकियोंकी सुरक्षाको लेकर उत्पन्न चिंताके मद्देनजर उन्हें आधिकारिक संरक्षण देनेका आदेश दिया है । होलीके अवसरपर सिंध प्रान्तके घोटकी जनपदसे १३ वर्षीय रवीना और १५ वर्षीय रीनाका कुछ ‘रसूखदार’ लोगोंने कथित रूपसे अपहरण कर लिया था । उनके अपहरणके कुछ समय पश्चात ही, एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें एक काजी कथित रूपसे दोनोंका निकाह (शादी) कराते हुए दिख रहे थे । इससे देश भरमें क्रोधका वातावरण बन गया ।
प्रधान न्यायाधीश अतहर मिनल्लाने इस प्रकरणकी सुनवाई की । उन्होंने दोनों लडकियोंका संरक्षण इस्लामाबादके उपायुक्त और मानवाधिकारके महानिदेशकको सौंपा । उन्होंने आदेश दिया कि एक महिला पुलिस अधीक्षकको बहनोंकी सुरक्षा सुनिश्चित करनेके लिए तैनात किया जाए । न्यायालयने अधिकारियोंको दो अप्रैलतक जांचका विवरण उनके समक्ष प्रस्तुत करनेको कहा । इसके पश्चात अन्य निर्देश जारी किए जाएंगें ।
न्यायालयने इस बातका भी वर्णन किया कि प्रधानमन्त्री इमरान खानने भी प्रकरणमें जांचके आदेश दिए हैं । लडकियोंके परिवारने उनके इस्लाममें कथित धर्म परिवर्तनको लेकर २० मार्चको प्राथमिकी प्रविष्ट कराई थी । नाबालिग हिन्दू लडकियोंके कथित अपहरण, धर्मांतरण और विवाहको लेकर भारतकी विदेश मन्त्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानके सूचना मन्त्री फव्वाद चौधरीके मध्य भी वाक् युद्ध छिड गया था ।
“पाकिस्तानमें हिन्दुओंपर हो रहा अत्याचार किसीको नहीं दिखाई देता है । सभी तथाकथित राष्ट्र संघों और मानवाधिकार आयोगकी मानवता हिन्दुओंका प्रकरण आते ही मृत हो जाती है । इससे बोध होता है कि हिन्दुओंको अपने अधिकारोंके लिए और स्वरक्षणके लिए स्वयं आगे आना होगा, किसी दल, आयोगोंसे आशा लगाना पूर्णतः मूढता ही होगी !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जी न्यूज
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