आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-१८)


आर्थिक कष्टके निवारण हेतु करें पीपलकी पूजा
पीपल वृक्षकी पूजाके चमत्कारी लाभ
शास्त्रोंमें पीपल वृक्षको बहुत ही चमत्कारी माना गया है । कहा जाता है कि इसमें कई देवी-देवताओंका वास होता है, इसकी या इसके आसपास पूजा करनेसे व्यक्तिकी समस्याएं दूर होनेके साथ शुभ मनोकामनाएं भी पूरी होने लगती हैं; इसीलिए लोग शताब्दियोंसे पीपलका श्रद्धा भावसे पूजन करते हैं एवं वृक्षको काटनेसे भी डरते है । पीपल वृक्षको वैज्ञानिक दृष्टिसे देखा जाए तो यह पेड पर्याप्त मात्रामें ‘कार्बन डाई ऑक्साइड’को लेता है और ‘ऑक्सीजन’को छोडता है; इसीलिए वायु प्रवाह न भी हो तो भी आपको पीपलके पत्ते हिलते हुए ही दिखाई देते हैं ।
पीपल वृक्षकी पूजाके लाभ
शास्त्रोंमें एक कथा आती है कि लक्ष्मीजी अपनी छोटी बहन दरिद्राके साथ भगवान विष्णुके पास जाकर श्रीभगवानसे पूछने लगी कि हे नारायण ! हमारे रहनेका कोई निवास स्थान बतानेकी कृपा करें ! उनकी बात सुनकर श्रीभगवानने उन्हें पीपल वृक्षपर रहनेके लिए कहते हुए उन्हें वरदान भी दिया कि कोई जो भी इस पीपल वृक्षकी पूजा श्रद्धा भावसे करेगा, उन्हें शनिके प्रकोपसे बचनेमें सहायता मिलेगी, साथ ही मां लक्ष्मीकी अपार कृपा भी मिलेगी ।
ज्योतिष शास्त्रके अनुसार यदि कोई नियमित या प्रति शनिवारको पीपल वृक्षकी पूजा करते है और प्रातः सूर्योंदयसे पूर्व या सन्ध्याको सूर्यास्तके उपरान्त दीपक जलाते हैं, तो उनके ऊपर माता महालक्ष्मी और श्रीशनि देवकी कृपा सदैव बनी रहती है । पीपल वक्षके विषयमें स्कन्द पुराणमें लिखा गया है कि पीपलके मूलमें भगवान विष्णु, तनेमें केशव, शाखाओंमें नारायण, पत्तोंमें श्रीहरि और फलोंमें सभी देवताओंके साथ अच्युत सदैव निवास करते है और ये भगवान विष्णुका ही प्रतीक है ।
धनकी समस्या होती है दूर
यदि घर परिवारमें धनकी समस्या बनी रहती है तो शुक्ल पक्षके किसी भी शनिवारके दिन प्रातः पीपल वृक्षका एक पत्ता तोड लें और उसे गंगाजलसे धोनेके उपरान्त उसके ऊपर हलदी व दहीका घोल बनाकर अपने दाएं हाथकी अनामिका अंगुलीसे “ह्रीं” लिखकर पत्तेको धूप दीप दिखाकर अपनी कोष (तिजोरी) या बटुए (पर्स) में रख लें ! उक्त पत्तेको प्रत्येक शनिवारको पूजा करनेके पश्चात परिवर्तित करते रहें, इस उपायको करनेसे घर परिवारमें कभी धनका अभाव नहीं रहेगा । ज्योतिष शास्त्र कहता हैं कि पीपलका पेड मनुष्यको ‘ऑक्सीजन’ ही नहीं धन भी देता है ।
दरिद्रतासे मिलेगी मुक्ति
यदि कोई व्यक्ति पीपल वृक्षके नीचे पत्थर या मिट्टीका शिवलिंग स्थापितकर नियमित उसका पूजन करता है तो उसकी सभी समस्याएं दूर होने लगती हैं और इस उपायको करनेसे निर्धन व्यक्ति भी धीरे-धीरे धनवान बनकर सुख समृद्धिका अधिकारी बन जाता है ।
शास्त्रोंके अनुसार पीपलकी पूजा रविवारको नहीं करनी चाहिए । रविवारके अधिष्ठाता देवता सूर्य है और शनि और रविमें अच्छा तालमेल न होनेके कारण रविवारके दिवस रातमें भी पीपलकी पूजा नहीं करनी चाहिए ।
ऐसे करें पीपलकी पूजा
प्रतिदिन या शनिवारके दिन सूर्योदयके समय एवं सूर्यास्तसे पूर्व अपनी मनोकामनाओंकी पूर्ति हेतु एक सरसोंके तेलका दीपक एवं सुगन्धित धूप जलाएं, उसके पश्चात हलदी, कुमकुम, अक्षत एवं पुष्पसे पूजन कर मीठा शर्करायुक्त जल चढाएं ! तत्पश्चात मिष्टान्नका या गुडका नैवेद्य रखकर पीपलकी ११ या २१ परिक्रमा लगाएं !



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