जनवरी २७, २०१९
अयोध्या प्रकरणकी मंगलवार, २९ जनवरीको होनेवाली सुनवाई एक बार पुनः न्यायाधीश बोबडेके छुट्टीपर होनेके कारण स्थगित हो गई है । अगली सुनवाईकी दिनांक ज्ञात नहीं हो सकी है । दो दिवस पूर्व ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोईने अयोध्याकी सुनवाई करनेके लिए जिस नूतन पीठका गठन किया था । इसमें अशोक भूषण और अब्दुल नजीरके अतिरिक्त बोवडे और डी. वाई चंद्रचूडका नाम सम्मिलित है ।
इससे पूर्व १० जनवरीको हुई सुनवाईके समय मुस्लिम पक्षकारोंके अधिवक्ता राजीव धवनद्वारा आपत्ति प्रकट करनेके पश्चात न्यायाधीश यू.यू.ललितने स्वयंको प्रकरणसे पृथक कर लिया था । राजीव धवनने कहा था कि यू यू ललित कल्याण सिंहके विरुद्घ आपराधिक अभियोगमें पक्षकार थे । जब वह अधिवक्ता थे, तब वह बाबरी मस्जिद विध्वंस प्रकरणमें सुनवाईके समय अधिवक्ताके रूपमें एक पक्षकी ओरसे प्रस्तुत हुए थे और स्वयंको इस प्रकरणसे हटाना चाहते हैं ।
वहीं धवनके इस कथनपर वरिष्ठ वकील हरीश साल्वेने कहा था कि इससे कोई अन्तर नहीं पडता है; क्योंकि जिस समय यूयू ललित कल्याण सिंहकी ओरसे प्रस्तुत हुए थे, वह प्रकरण इससे भिन्न था ।
न्यायाधीश छुट्टियां मना रहे हैं और यहां हिन्दुओंका राम मन्दिरको लेकर एक-एक पल भारी है ! क्या यह सब जान-बूझकर किया जा रहा है । इससे पूर्व भी सुनवाई टल गई थी कि न्यायाधीश छुट्टीपर थे ! यह हिन्दुओंकी आस्थाके साथ कैसा घृणित उपहास हो रहा है ? क्या श्रीराम व उनके भक्तोंकी विडम्बना करनेवाले ये सभी न्यायसंगत निर्णय कर पाएंगें ? और यह हो रही विडम्बना केवल और केवल राजनीतिक इच्छाशक्तिकी न्यूनताके कारण है । ”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : टाइम्सनाउ
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