‘लोकतन्त्र सेनानी’ आजम खानकी ‘पेंशन’पर लगाई बन्दी, पिछले १६ वर्षोंसे पा रहे थे शासनसे धन
२६ फरवरी, २०२१
ज्ञातव्य है कि इन्दिरा गांधी शासनद्वारा आपातकाल घोषितकर सभी विरोधी पक्षके नेताओंको बन्दी बनाकर कारावासमें डाल दिया गया था । उन दिनों आजम खान अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालयके छात्र संघके नेता थे । उन्हें भी आपातकालके दिनोंमें केन्द्र शासनद्वारा कारावासमें डाल दिया गया था ।
मुलायम सिंह यादवके मुख्यमन्त्रीत्व कालमें उत्तरप्रदेश शासनने २००५ में आपातकालके समय कारावासमें जानेवाले नेताओंको ‘लोकतन्त्र सेनानी’ घोषितकर प्रति माह ५०० रुपये ‘पेंशन’का प्रावधान किया था । इसमें वृद्धिकर इसे २०००० प्रति माह कर दिया गया था । आजम खान इस ‘पेंशन’के लाभार्थी थे ।
अब २४ फरवरी २०२१ को रामपुर जनपद प्रशासन द्वाराजारी की गई लोकतन्त्र सेनानियोंकी सूचीमें आजम खानका नाम नहीं है । इस सूचीमें ३७ लोगोंके नाम होते थे, अब ३५ नाम हैं ।
उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेशसे सांसद आजम खान ‘भूमाफिया’ घोषित किए जा चुके हैं । उनपर अनेक आपराधिक प्रकरण न्यायालयमें चल रहे हैं । अखिलेश यादवके शासन कालमें आजम खानके जौहर ‘ट्रस्ट’द्वारा क्रय की गई भूमि उत्तरप्रदेश शासनके नाम कर दी गई है । इसके क्रय करनेकी प्रक्रिया नियमानुसार अनुचित थी । इस ‘ट्रस्ट’की भूमिपर पिछले १० वर्षोंमें कोई सेवाकार्य (चैरिटी) नहीं किया गया है ।
आजम खान उत्तरप्रदेश शासनकी भूमि हडपकर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालयका निर्माणकर धन उगाहीका अनुचित कार्य करते रहे हैं । ऐसेमें योगी शासनका निर्णय न्यायोचित है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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