बादामके औषधीय गुण (भाग – २)


सिरकी वेदना

  • बादाम और केसरको गायके घीमें मिलाकर सिरमें लगाना चाहिए या तीन दिन तक बादामकी खीर खानी चाहिए अथवा बादाम और घीको दुग्धमें मिलाकर सिरमें लगाना चाहिए । इससे सिर कुछ ही समयमें ठीक हो जाता है ।
  • बादाम और कपूरको दुग्धमें पीसकर मस्तकपर उसका लेप करनेसे मस्तक और सिरकी वेदना मिट जाता है । मस्तिष्कपर बादामके तेलकी मालिश करनेसे लाभ होता है ।
  • १० ग्राम बादामकी गिरी, १ ग्राम कपूर, १ ग्राम केसर, मिश्री और गौ घृतको मिलाकर हल्की आगपर पकाएं और केवल घृत शेष रहनेपर इसे छानकर शीशीमें भर कर रख लें इसको रोगीको देनेसे सिरकी वेदना ठीक हो जाता है ।
  • बादाम रोगनकी सिरपर मालिश करनेसे सिरकी वेदना दूर हो जाती है ।
  • बादामकी एक गिरीको सरसोंके तेलमें पीसकर मलनेसे सिरकी वेदनामें लाभ होता है।
  • १० गिरी बादामकी, ६ ग्राम ब्राह्मी बूटी और ७ साबुत कालीमिर्चको रात्रिको सोते समय भिगो दें और सुबह इनका छिलका उतार कर पीसकर ठंडाई बना लें और इसमें मिश्री मिलाकर ४० दिन तक लगातार पीनेसे किसी भी प्रकारकी सिर की वेदना दूर हो जाती है ।
    ● सिरमें तेज वेदना होनेपर बादामके तेलका मर्दन(मालिश) करनेसे लाभ मिलता है ।
  • बादामके बीजोंको सिरकेके साथ पीसकर इसको गाढे पदार्थके रूपमें बना लें और जहां सिरमें वेदना हो वहांपर इसे लगानेसे सिरकी वेदना, साइटिका और नशेका चढना दूर हो जाता है ।

धातु वृद्धिके लिए

  • १५ ग्राम गौ घृतमें १० ग्राम मक्खन या ताजा खोवा, बादाम, चीनी, कंकोल, शहद और इलायची मिलाकर ७ दिन तक लेना चाहिए ।
  • बादामकी गिरीको उष्ण जलमें भिगो देते हैं। इसके बाद बादामके छिलके निकालकर बारीक पीस लेते हैं। इसे दुग्धमें मिलाकर उबालें और खीर बनाएं। इसमें चीनी और घी मिलाकर खानेसे बल और वीर्यकी वृद्धि होती है और दिमागभी तेज होता है ।

बादामका हलवा – ४०० ग्राम देशी खांड या शक्करकी चाशनीमें रातको भिगोकर सवेरे छीले हुए १० बादामको पीसकर चाशनीमें मिलाकर हिलाते रहें । जब यह अच्छी तरह मिल जाएं, तब घी डालकर पकाएं।  सके उपरान्त छोटी इलायचीके दाने पीसकर भी डालें। यह हलवा शक्तिके अनुसार सेवन करनेसे बलवीर्यकी खूब वृद्धि होती है तथा शरीरमें स्फुर्ति निर्माण होती है । (क्रमश:)

 

 

 

 

बहरापन

 

  • बादामके तेलके साथ जबाद कस्तूरीको पीसकर कानमें डालनेसे धीरे-धीरे बहरापन दूर हो जाता है और सुननेकी शक्ति भी बढती है।
  • कडवे बादामके तेलको गुनगुना करके नियमित सवेरे और संध्या कानमें बूंद-बूंद करके डालनेसे बहरेपनके रोगमें लाभ होता है।
  • १०० मिलीलीटर बादामके तेलमें लहसुनकी १० कलियोंको डालकर पका लें । जब पकनेपर लहसुनकी कलियां जल जायें तो इस तेलको छानकर कानमें बूंद-बूंद करके डालनेसे बहरापन दूर होने लगता है । (क्रमश:)


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