मई ४, २०१९
जम्मू कश्मीरकी पूर्व मुख्यमन्त्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्तीने भारत शासनसे मांग की है कि रमजानका माह आ रहा है; इसलिए सेनाके सभी अभियानोंपर रोक लगाई जाए ! मुठभेड अभियान हो, अन्वेषण अभियान हो, प्रत्येक प्रकारके अभियानपर रोक लगे और सेना ‘सीज फायर’की घोषणा कर दे !
महबूबा मुफ्तीकी मांग है कि रमजान जबतक रहेगा, तबतक सेना अभियान नहीं करेगी । महबूबा मुफ्तीकी इस मांगको लेकर सामाजिक जालस्थलपर लोग भिन्न-भिन्न प्रकारकी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं ।
बीजेपीके नेता गिरिराज सिंहका कहना है कि यदि महबूबा मुफ्ती शासनके स्थानपर आतंकियोंसे कहतीं कि वो शस्त्र छोड दें और शान्ति बनाएं तो अधिक अच्छा रहता ।
गिरिराज सिंहकी भांति अन्य लोगोंका भी कहना है कि सेनाके अभियानको रोकनेकी मांगके स्थानपर महबूबाको आतंकियोंसे आतंक न करनेकी मांग करनी चाहिए थी ।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जब महबूबा जम्मू कश्मीरकी मुख्यमन्त्रीके पदपर थीं, तब रमजानमें सेनाके अभियानको १ माहके लिए रोका गया था ।
“गत वर्ष हम यह मूढता कर चुके हैं, जिसका परिणाम हमें भोगना पडा था कि अनेक सैनिक मारे गए थे, अब कृपया शासन तुष्टिकरणकी नीतिको छोडकर हमारे सैनिकोंपर दया करें; क्योंकि वे हमारी रक्षा हेतु सज्ज हैं, हमारी मूढताके लिए गोली खाने हेतु नहीं और विचित्र है कि एक ओर तो ये नेता कहते हैं कि आतंकका धर्म नहीं होता है तो दूसरी ओर कहते हैं कि रमजानके माहमें कार्यवाही न हो ! जब जानते हैं कि आतंकी समुदाय विशेषसे आते हैं तो दो समयमें असमान बातें क्यों ? स्वीकार क्यों नहीं करते हैं ! इसका अर्थ स्पष्ट है कि ये राजनेता केवल अपनी राजनीति चमकानेके लिए कुछ भी कर सकते हैं !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : डीबीएन
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