नवम्बर ३०, २०१८
साधारण भारतीय पत्रकार, जो पाकिस्तानके आतंकपर पत्रकारिता करते हैं, उनको पाकिस्तानका अनुमतिपत्र (वीजा) नहीं मिलता, मिल भी जाए तो जाएंगे नहीं, क्योंकि उनपर पाकिस्तानमें संकट है, परन्तु बरखा दत्तको पाकिस्तानका वीजा भी मिलता है और ये बिना किसी भयके आरामसे पाकिस्तानमें घुमती भी हैं !
इतना ही नहीं राष्ट्रवादी पत्रकार तो भारतके कश्मीरमें भी बिना सुरक्षाके नहीं घूम सकते, परन्तु बरखा दत्त कश्मीरमें बिना भय कहीं भी घूम सकती हैं !
कंधार प्लेन हाई जैकके समय दिल्लीके पालम एयर फाॅर्स बेसमें बरखा दत्त घुसना चाहती थी, बरखा दत्त पालम एयर फाॅर्स बेसके तकनीकी क्षेत्रमें घुसना चाहती थी, जोकि एक संवेदनशील क्षेत्र है और यहांपर साधारण नागरिकोंके घुसनेकी आज्ञा नहीं होती, फिर भी बरखा यहां जानकारियां एकत्र करनेके लिए घुसना चाहती थी !
तब अधिकारीने उसे प्रवेश नहीं दिया तो बरखा दत्तने उसे नौकरीसे निकलवा देनेकी चेतावनी दी ! कहा कि यदि मुझे घुसने नहीं दिया तो तुझे नौकरीसे निकलवा दूंगी !
बरखा दत्त कौन सी जानकारियां लेनेके लिए भारतके मिलिट्री बेसके संवेदशील क्षेत्रमें घुसना चाहती थी, वो ये जानकारियां किसे देना चाहती थी, और स्वयंको पत्रकार कहने वाली बरखा दत्तके पास इतनी शक्ति कहांसे आ रही थी की वो एक एयर फाॅर्स अधिकारीको नौकरीसे निकलवा देनेकी चेतावनी दे रही थी !
क्या बरखा दत्त वास्तवमें पत्रकार है, हाफिज सईद उसकी प्रशंसा क्यों करता है ?, इन सबकी जांचकी सख्त आवश्यकता है !
स्रोत : दैनिक भारत
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