जनवरी ४, २०१९
बहराइच जनपदके कई थाना क्षेत्रोंमें हुई साम्प्रदायिक हुडदंग व आगजनीकी घटना अभी पूर्ण रूपसे ठंडी नहीं पडी थी कि थाना फखरपुर क्षेत्रमें हिन्दू समाजकी आस्थासे जुडे एक प्राचीन धर्म स्थलपर अधिकारको लेकर मुस्लिम समाजके लोगोंद्वारा हुडदंगका प्रकरण सामने आया है, जिसमें अराजक तत्वोंने धावा बोलकर भाजपा बूथ अध्यक्ष मूलचन्द्र सहित कई लोगोंको मारकर लहूलुहान कर डाला ।
पीडित ग्रामीणोंका आरोप है कि थाना फखरपुरके थानाध्यक्षसे लेकर एसडीएमको कई बार प्रकरणकी परिवाद प्रविष्ट कराई गई, परन्तु पुलिस वहां नहीं पहुंची, जिसका परिणाम यह रहा कि पुलिसके कारण मुस्लिम समुदायके हुडदंगोंने एकत्र होकर कुडास पारा गांवमें धावा बोलते हुए गांवके धार्मिक स्थलपर बलात अधिकारको लेकर हिंदू समुदायके लोगोंपर पथराव करते हुये चोटिल कर दिया । पीडित ग्रामीणोंका आरोप है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो सामूहिक रूपसे धर्म परिवर्तन कर लेंगें । उनका कहना है कि जब योगी शासनमें हिन्दू समाजके लोगोंको अपने धार्मिक स्थलपर पूजा करना अपराध है तो इससे अच्छा है हम सबको अपना धर्म परिवर्तन करना स्वीकार है ।
गांवमें स्थित प्राचीन सावित्री वट पूजा स्थलपर गांवके लोग काफी समयसे पूजा अर्चना व कथा पाठ करते हैं । ग्रामीणोंका आरोप है कि अधिकारकी वृत्तिसे गांवके मुस्लिम समुदायके लोग धर्मस्थलपर प्रतिबन्धित जानवरोंके अवशेष फेंकनेके साथ ही धार्मिक स्थलपर मल फेंकनेका काम करते हैं । यहीं नहीं जब गांवके लोग कथा पाठ करते हैं तो समुदाय विशेषके लोग पूजा पाठमें थूकनेके साथ ही मैला फेंककर विघ्न डालनेका काम करते हैं और लोगोंके विरोध करनेपर मारनेकी चेतावनी देते हैं, जिसकी परिवाद कई बार थाना फखरपुरके थानेदारसे की गई, परन्तु वहां पहुंचनेके स्थानपर थानेदार बडी घटना होनेकी मानो प्रतीक्षा करते रहे ।
“प्रथम भाईचारेमें धर्मान्धोंको हम घुसाकर उन्हें सर्व सुविधाएं देते हैं, मस्जिद निर्माण करवाते हैं और बादमें जब उनकी संख्या बढ जाती है तो वे आपको ही वहांसे त्रस्तकर, मारकर, भयभीतकर निकाल बाहर करते हैं और ऐसे अनेकानेक प्रकरण हुए हैं, उसके पश्चात भी हिन्दू मूढ समान धर्मनिरपेक्षताका चोला पहन बैठा रहता है और तबतक प्रतीक्षा करता है, जबतक उसपर न आन पडे । अब ऐसी विकट परिस्थितिमें, जब हिन्दुओंके अस्तित्वपर ही बन आई हो, हिन्दुवादी शासनसे कार्यवाहीकी सभी हिन्दुवादियोंको अपेक्षा है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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