भगवान श्री कृष्णने कहा है ‘परित्राणाय साधूनां’ अर्थात मैं साधकोंका रक्षण करता हूं; अतः सज्जनो, साधक बनें ! भगवान श्री कृष्णने अर्जुन और द्रौपदीकी सहायता इसलिए की; क्योंकि वे भक्त थे ! ‘मैं किसीको कष्ट नहीं पहुंचाता हूं; मैं अपने सर्व सांसारिक कर्म निष्ठासे करता हूं; अतः ईश्वर मेरा रक्षण करेंगे’ इस भ्रममें न रहें ! भगवान भक्तवत्सल हैं, सज्जनवत्सल नहीं; अतः भक्त बनें और इस हेतु योग्य साधना करें ! – तनुजा ठाकुर
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