अगस्त ९, २०१८
बुधवारको म्यांमारके तामूमें एक भव्य कार्यक्रमके आयोजनके साथ भारतसे लगी इस सीमाको खोल दिया गया ! भारत और म्यांमारको एक दूसरेसे जोडने वाले ‘इण्डो-म्यांमार फ्रेण्डशिप ब्रिज’को वहांके शासनने औपचारिक रूपसे खोल दिया है । मणिपुरकी सीमासे सटे नगर मोरेमें इस सीमाके खुलनेके पश्चात अब म्यांमार जाने वाले किसी भी भारतीयको विशेष अनुमतिपत्रककी आवश्यकता नहीं होगी । इस सन्धिके अन्तर्गत सीमापर एक ‘पास’केद्वारा दोनों देशोंके नागरिक एक दूसरेकी सीमामें बिना अनुमति १६ किमी. तक जा सकेंगे !
बुधवारको म्यांमारके तामूमें एक भव्य कार्यक्रमके आयोजनके साथ भारतसे लगी इस सीमाको खोल दिया गया । दोनों देशोंके द्विपक्षीय सम्बन्धसे महत्त्वपूर्ण इस सीमाका खोला जाना एक ऐतिहासिक और सकारात्मक आरम्भके रूपमें देखा जा रहा है । बता दें कि ११ मईको विदेश मन्त्री सुषमा स्वराजके म्यांमार दौरेके मध्य नेपीतामें दोनों देशोंके मध्य इस सीमाको खोले जानेके सम्बन्धमें सन्धि हुई थी ।
म्यांमार भारतके रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण निकटवर्ती देशोंमें सम्मिलित है और भारतसे १६४० किलोमीटर लम्बी सीमा साझा करता है । उग्रवाद प्रभावित नगालैण्ड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तरके कई राज्य म्यांमारकी सीमासे लगे हैं । मोदी शासनकी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’के अन्तर्गत दोनों देशोंकी सीमाका खोला जाना एक महत्वपूर्ण सन्धि थी, जिसे रूपान्तरित किया गया है ।
स्रोत : दैनिक प्रभा
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