अक्तूबर १४, २०१८
महाराष्ट्रमें भाजपाके (बीजेपी) नेतृत्व वाली देवेन्द्र फडणवीसकी सरकार कडी आलोचनाके पश्चात मद्यकी (शराबकी) घर पहुंचाने (होम डिलीवरी) कराने वाली योजनापर पलट गई है । रविवार (१४ अक्टूबर) शाम राज्य शासनने योजनाके बननेसे पूर्व ही इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया । आपको बता दें कि इससे पूर्व, समाचार थी कि मद्यपान कर वाहन चलानेके प्रकरणमें हो रही वृद्धिपर नियन्त्रण पानेके लिए राज्य शासन घरपर ही शराब पहुंचानेकी व्यवस्था करेगी !
समाचारोंमें घरपर शराब उपलब्ध करानेके लिए आधार कार्ड भी आवश्यक बताया जा रहा था । राज्य मन्त्रीके माध्यमसे कहा गया था, “लोगोंको जिस प्रकार राशन और शेष वस्तुएं घरपर पहुंचाई जाती हैं, उसी प्रकार शराब भी मिला करेगी । यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि क्रय करने वाले शराब पीनेकी न्यूनतम आयुके हो ।” मन्त्रीके अनुसार, बोतलके ढक्कनपर टैंगिंग होगी । हम निर्माता से लेकर ग्राहक तकको इसकेद्वारा संज्ञान ले सकेंगे । नकली मद्य और तस्करी रोकनेमें भी यह काम आएगा ।”
‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो’के (एनसीआरबी) ब्यौरेके अनुसार, वर्ष २०१५ में कुल ४.६४ लाख सडक दुर्घटनाओंमें १.५ प्रतिशत लोग ‘ड्रंकेन ड्राइविंग’का शिकार हुए, जिसमें लगभग ६२९५ लोग चोटिल हुए थे । विवरणके अनुसार, इनमें लगभग २९८८ लोगों मारे गए थे ।
“इस निर्णयसे ही राज्यकर्ताओंकी बौद्धिक क्षमता व स्मस्याओंके समाधानकी क्षमता ज्ञात होती है ! और यह भी ज्ञात होता है कि क्यों राजाओंके राजदरबारमें विद्वानोंका इतना महत्वपूर्ण स्थान था ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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