दिसम्बर २१, २०१८
उत्तर प्रदेशके मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथद्वारा हनुमानजीको दलित बतानेके बादसे आरम्भ हुई राजनीति तीव्र होती जा रही है । कोई हनुमानजीको दलित, कोई आदिवासी और कोई मुसलमान कह रहा है । कई नेता तो हनुमानजीको जाट और चीनका निवासी बताने लगे हैं ! अब बीजेपी सांसद उदित राजने एक पग और बढाते हुए कहा कि हनुमानका कोई अस्तित्व ही नहीं था !!
उन्होंने कहा कि यदि वैज्ञानिक आधारपर देखा जाए, तो हनुमान नामका कोई अस्तित्व ही नहीं था ! उन्होंने कहा कि कई दृष्टिकोण हैं, जिसमें एक दृष्टिकोण यह कहता है कि वो जंगलमें थे, जिसके हिसाबसे वो आदिवासी थे ! एक बात यह भी है कि हनुमानको लेकर ‘डीएनए’ परीक्षण या ‘कार्बन डेटिंग’ जैसे कोई साक्ष्य नहीं है !
बीजेपी सांसदने कहा कि वैज्ञानिक आधारपर कहा जाए तो भगवान हनुमानका कोई अस्तित्व ही नहीं है ! बीजेपी सांसदने अपने इस दावेके समर्थनमें और भी तर्क दिए हैं । उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण आस्थाके हिसाबसे देखा जाए, तो यह है कि वो आदिवासी थे । इस मध्य दलित नेता और बीजेपी सांसद उदित राजने राम, शबरी और केवट सबकी जातियां बताई ।
राष्ट्रीय जनता दलके (आरजेडी) नेता मनोज झाने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा, “आपका यह प्रश्न मुझसे पूछना है और मेरा इसपर उत्तर देना, मेरे देशमें गिरावटका संकेत है । मुझे लगता है कि यहां हर शाखपर उल्लू बैठा है । हनुमानको योगी दलित बताते हैं, जबकि बुक्कल नवाब मुसलमान बताते हैं । मुझे लगता है कि इसके लिए एक आयोग बैठा दिया जाए, जिसमें ३६ कोटि देवी-देवताओंकी जाति बता दी जाए !”
टीएमसी सांसद शुभेन्दु शेखरने कहा, “मैं पण्डित नहीं हूं कि मैं हनुमानके बारेमें कुछ बताऊं । जो हनुमानके बारेमें सब कुछ जानते हैं, उन लोगोंसे पूछो । हनुमानको कोई दलित कहता है, कोई जाट बताता है और कोई मुसलमान करार देता है । जो पण्डित हैं, वो इस बारेमें बोलते रहे हैं, परन्तु हमको इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है ।
अकाली दलके नेता प्रेम सिंह चंदूमाजराने हनुमानकी जातिके बारेमें वार्ता करते हुए कहा, “हम किसी भी जातिके बारेमें विश्वास नहीं करते हैं । हम सिख हैं । गुरु गोविंद सिंहने एक बात कही थी कि सिख धर्म सब जात-पातसे ऊपर हैं । उन्होंने एक ही बर्तनमें सबको खाना खिलाया और एक ही स्थानपर बैठाया । कौन किस जातिका है और किस धर्मका है ?, हम इसपर विश्वास नहीं रखते हैं ।”
“बुद्धि दलित सांसदने कुछ वर्ष पूर्व कहा था कि महिषासुर हुतात्मा थे और उसका दिवस मनाना हमारा अधिकार है, क्योंकि वे हमारे पूर्वज थे !! असुरको मां दुर्गाने मारा था तो सासंदके अनुसार मां दुर्गाका भी वैज्ञानिक आधारपर कोई अस्तित्व नहीं होना चाहिए ? और महिषासुर इनके पूर्वज थे ! तो क्या सांसद देशको, इसमें उन्होंने कौन-सा वैज्ञानिक तथ्य लगाया था, यह बता सकते हैं ? हनुमानजीका साक्ष्य पाने हेतु भक्ति करनी पडती है, जो महिषासुर पूजकोंके वशमें नहीं है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : आजतक
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