दसवीं और बारहवींकी परीक्षा परिणाम आनेके पश्चात मुझसे जो साधक माता-पिता सम्पर्कमें हैं, उनमेंसे कुछ तो अपने बच्चोंके परीक्षा परिणामसे बहुत दुखी हो जाते हैं, जबकि मैं इन सभी साधक माता-पिताको अनेक बार कह चुकी हूं कि अपने बच्चोंको थोडा समय नामजप, आध्यात्मिक उपचार एवं धर्मप्रसारकी सेवामें योगदान देने हेतु प्रवृत्त करें; परन्तु अधिकांश अभिभावकोंको […]
आजकल अधिकांश हिन्दुओंका माथा तिलकविहीन होता है । तिलक क्यों लगाना चाहिए ?, इसका महत्त्व ज्ञात न होनेके कारण ही ऐसा हो रहा है । तो अबसे आपको तिलकके विषयमें प्रतिदिन थोडी-थोडी जानकारी देंगे, जिससे सभी इसका महत्त्व समझ सकें । हिन्दू संस्कृतिमें मस्तकपर तिलक लगाना शुभ एवं आवश्यक धार्मिक कृत्य माना जाता है, इसे […]
मस्तिष्कके भ्रू-मध्य, ललाटमें जिस स्थानपर टीका या तिलक लगाया जाता है, यह भाग आज्ञाचक्र है । * एक और मतके अनुसार, शरीर शास्त्रके अनुसार ‘पीनियल’ ग्रन्थिका (तीसरे नेत्रका) स्थान होनेसे, जब पीनियल ग्रन्थिको उद्दीप्त किया जाता है तो मस्तिष्कमें एक प्रकारके प्रकाशकी अनुभूति होती है । रंग चिकित्सा शास्त्र भी इसका अनुमोदन […]
आपको बताया ही था कि पिछले एक माहसे मैं नियमित विधिपूर्वक अग्निहोत्र कर रही हूं । उसके सुखद परिणाम आने आरम्भ हो गए हैं । एक तो मेरी प्रातःकालीन दिनचर्या पूर्व समान व्यवस्थित हो गई है । एक और बात ध्यानमें आई है, हमारा आश्रम ग्रामीण क्षेत्रमें है, साथ ही चारों ओर खेत हैं और […]
दिनभर सांसारिक कार्योंको करते समय नामजप करनेके प्रयास करना, माथेपर तिलक धारण करना, भारतीय परिधान धारण करना, स्वभाषाका प्रयोग करना, घरका बना भोजन ग्रहण करना, विशेषकर शाकाहारी भोजन करना, समय एवं अनुशासनका दिनभर पालन करना, साधना करना, दूसरोंके कल्याणके विषयमें सोचकर योग्य कृति करना, ये सत्त्व गुण प्रधान व्यक्तिके लक्षण हैं । इसके विपरीत सतत […]
अनेक लोग स्वप्नमें दिखे हुए या बताए हुए तथ्योंकी पुष्टि हेतु पत्र लिखते हैं तो आपको इस सम्बन्धमें कुछ योग्य दृष्टिकोण देना उचित लगा; इसलिए इसे लघु लेखको लिख रही हूं । सर्वप्रथम यह जान लें कि वर्तमन समयसे लेकर ……
स्थान देवताके समान ग्राम देवताका भी प्रसन्न रहना समाजके समष्टि सुखी जीवन हेतु आवश्यक होता है । धर्मप्रसारके मध्य कुछ समय मैं ग्रामीण क्षेत्रोंमें भी रही हूं । वहां मैंने देखा कि वार्षिक उत्सव ग्राम देवताको प्रसन्न करनेके लिए होता है, जिसमें प्रत्येक ग्रामीण अपनी-अपनी …..
पिछले अंकमें हमने बताया था कि स्थान देवताओंका हमारे समष्टि जीवनको सुखी बनाए रखनेमें अत्यधिक महत्त्व होता है । मुंबईमें हमारे एक साधक है, वे मुंबई महानगपलिकामें सेवारत हैं । अभी कुछ दिवस पूर्व ही ‘एक भयावह झंझावात (तूफान) आनेवाला है’, यह जानकारी आप सभीको मिली ही होगी । उन्होंने हमें सन्देश भेजा कि मुंबईसे […]
जिस प्रकार पिछले एकसे डेढ माहमें पृथ्वी अनेक बार हिल चुकी है ऐसी स्थितिमें देवता ही हमारा रक्षण कर सकते हैं इस हेतु हमारे स्थान देवता, ग्राम देवता, वास्तु देवता, कुल देवता, गुरु सभीकी कृपा अति आवश्यक है ……