शंका समाधान

क्या अध्यात्मविदका गेरुआ वस्त्र धारण करना आवश्यक है ?


उत्तर : अनेक लोगोंको लगता है कि गेरुआ वस्त्रधारी ही संत या धर्म हेतु मार्गदर्शन करनेवाले हो सकते हैं | यह भी धर्मशिक्षणके अभावमें समाजमें व्याप्त एक त्रुटिपूर्ण धारणा है | संत तुलसीदासने कहा है, ‘समरथ को नहीं दोष गोसाई’, अर्थात जो आध्यात्मिक दृष्टिसे सामर्थ्यवान होते हैं, उनके लिए कर्मकांडके या धर्माचरणके नियम लागू नहीं […]

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क्या गुरु परिवर्तित कर सकते हैं ?


अनेक बार कुछ गुरु-भक्त अपने गुरुसे सन्तुष्ट नहीं होते; क्योंकि वे न तो उनके शंकाओंका समाधान कर पाते हैं और न ही उन्हें आनन्दकी अनुभूति दे पाते हैं, ऐसेमें उनके मनमें द्वन्द्व एवं भय रहता है,उन्हें कैसे छोडूं ? ऐसे सभी साधकोंके लिए शास्त्र कहता है :- अनभिज्ञं गुरुं प्राप्य संश यच्छेदकारकम् । गुरुरन्य तरंगत्वा […]

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शंका समाधान


प्रश्न : आपने एक लेखमें लिखा है कि पूजाघरकी रचना करते समय देवियोंको गणेशजीके बाईं ओर रखना चाहिए, जबकि दीपावलीमें जब हम गणेश और लक्ष्मीकी मूर्ति लाते हैं तो लक्ष्मीजीको गणेशजीकी दाहिने ओर रखते हैं । आपके लेख पढनेके पश्चात मैं भ्रमित हो गया हूं, कृपया मेरी शंकाका निराकरण करें !  – रोहन बजाज, इंदौर […]

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