वर्तमान कालमें प्रायः हम हिन्दी बोलते अथवा लिखते समय सहज ही उर्दू एवं अन्य विदेशी भाषाओंसे उद्धृत शब्दोंका प्रयोग करते रहते हैं । वैदिक संस्कृति सत्त्व गुण आधारित है एवं संस्कृतनिष्ठ हिन्दी ही सात्विक भाषा है। उर्दू एवं अन्य विदेशी भाषाओंसे उद्धृत शब्दोंका प्रयोग करनेसे हमारी हिन्दी भाषाकी सात्त्विकता नष्ट होती जा रही है; अतः […]
हम आपके समक्ष कुछ दिवसों हिन्दी समाचार पत्रों या जालस्थानोंके सामयिक समाचारके अंशकी कुछ पंक्तियां प्रस्तुत कर रहे हैं, आप स्वयं देखें कि इन सभी ‘बुद्धिजीवी पत्रकारों’ने किस प्रकार भारतमें हिन्दी भाषाके ‘विकृतिकरण’का उत्तरदायित्व ले रखा है |
अवैदिक शब्द – संस्कृतनिष्ठ शब्द ज्यादा – अधिक दहसत – ताण्डव असली – यथार्थ/ खरा मतलब – अर्थ मकसद – उद्देश्य इस्तेमाल – उपयोग आसानी – सरलता जगह – स्थान कत्ल – हत्या हालांकि – यद्यपि हालत – स्थिति निगाह – दृष्टि उम्मीद – आशा ख्वाब – स्वप्न जहर – विष उम्र – आयु दौरान […]