अध्यात्म

आगे लोग अपने कुटुंबसह आश्रममें रहने आने लगेंगे !


कुछ दिनोंसे मेरे पास मेरे कुछ परिचितोंके दूरभाष आने लगे हैं | वे कह रहे है  कि कुछ वर्ष पूर्व जब आप हमें आपातकालके विषयमें बता रही थीं तो हमने उसे गंभीरतासे नहीं लिया; किन्तु अब अकस्मात जब ये सब होने लगा है और लोगोंमें हिन्दू राष्ट्रके प्रति प्रेम निर्माण होने लगा है तो आपसे […]

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आपताकालसे लडने के लिए आध्यात्मिक सामर्थ्य ही एक मात्र उपाय !


जब मैं इटलीमें धर्मयात्रा अंतर्गत जाती थी तो वहां रहनेवाले भारतीय हिन्दू उस देशकी स्वास्थ्य सेवाओंकी बहुत स्तुति करते थे और करें भी क्यों न ?, वह WHO के मानांकनके अनुसार स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओंमें सम्पूर्ण विश्वमें द्वितीय पायदानपर है ! किन्तु आज इटलीके प्रधानमंत्री ही अपनी देशकी दुर्दशा देखकर निराश होकर रो रहे हैं और […]

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उपासना आश्रममें सात्विक पक्षियोंके सकारात्मक प्रत्युत्तर!


आज प्रातः आश्रममें टहलने निकली तो हमारा प्रिय नीलकंठ मुझे वहां दिखाई दिया जहां वह कभी बैठता नहीं है ! पतझडके कारण उस वृक्षपर एक भी पत्ते नहीं थे इसलिए मेरा उसपर सहज ध्यान चला गया ! पिछले पंद्रह दिवससे वह दिखाई नहीं दे रहा था ! मैंने उससे सहज भावसे पूछा, “इतने दिन कहां […]

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असुरोंसे निकटता करनेपर उसकी तमोगुणी संस्कृतिसे उपजे पापकर्म भी हमें कहीं न कहीं सहन करने ही होंगे ! 


कोरोना वायरससे आज सबको कष्ट हो रहा है; किन्तु हम सभीने चीनकी तामसिक भोजन पद्धतिको अपनाया और साथ ही चीनके आसुरी भोजनसे उपजे आसुरी बुद्धिके माध्यमसे निर्मित अल्प मूल्यके स्तरहीन समाग्रियोंको सहज धन बचानेके अभावमें क्रय किया तो आज उसके चीन प्रदत्त कष्ट तो भोगने ही होंगे !      मुझे तब बहुत आश्चर्य हुआ […]

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श्रीगुरुकी आज्ञा हो तो लेखोंको पढनेवालोंको अनुभूतियां होना सामान्य सी बात है !


जब भी मेरे लेखोंके कुछ नूतन पाठकसे बात होती है तो वे कहते हैं की आप जो लिखती हैं वह ऐसा लगता है कि जैसे मात्र मेरे लिए ही लिखा गया हो ! वस्तुत: यह सब हमारे श्रीगुरुके आशीर्वादका परिणाम है ! उन्होंने २००५ में जब मैंने अपनी कुछ अनुभूतियां लिखकर उन्हें भेजी थी तो […]

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पशुसे प्रेम अवश्य करें किन्तु अपनी मर्यादाको जान लें !


     आजकल अनेक लोग अपने घरमें कुत्ता रखते हैं एवं स्थानके अभावमें या अज्ञानतावश उसे अपने साथ ही सुलाते हैं ! तो ध्यान रहे कुत्तेको अपने साथ अपने कक्षमें या बिछावनपर सुलानेसे उसके साथ सोनेवाले व्यक्तिके मन एवं बुद्धिपर तमोगुणका आवरण निर्माण होता है, इससे अनेक कुसंस्कारका जन्म होता है ! इसलिए पशुसे प्रेम […]

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२०१३ में इटलीमें प्रवचनके समय दी गई आपातकालकी सुचना, गणमान्य लोगोंको नहीं लगी थी अच्छी !


जब २०१३ में इटलीके एक मंदिरमें प्रवचन लेते समय मैंने कहा था कि आगे आपातकालमें भिन्न प्राकृतिक एवं मनुष्य निर्मित समस्याओंके कारण विदेशोंमें रहना बहुत कठिन हो जायेगा; इसलिए आप सब अपने मूल ग्राममें भी जो घर है उसे ठीक करवा कर रख लें तो वहांके कुछ गणमान्य लोगोंको मेरी बात किंचित मात्र भी अच्छी […]

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कोरोना वायरसके आतंककी व्यापकता एवं तीव्रता बढती जा रहीं !


 साधको, कोरोना वायरसके आतंककी व्यापकता एवं तीव्रता बढती जा रहीं है ऐसेमें प्रत्येक दिन एक घंटे बैठकर अपने गुरुमंत्र या इष्ट देवताका नामजप अवश्य करें एवं जब भी कभी बाहर जाते हैं तो अपने इष्ट देवतासे उनके शस्त्रोंसे कवच हेतु प्रार्थना करें ! ध्यान रहे, कोरोना वायरससे होनेवाले रोग तमोगुणके कारण होता है वही नामजप […]

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साधकों, मात्र कहीं भोजन ग्रहण करने हेतु न जाएं !


कुछ साधकोंकी वृत्ति होती है कि उन्हें जहां भी निःशुल्क भोजन मिल जाए वे वहां बिना सोचे समझें जाकर खा आते हैं | विशेषकर विवाहादि समारोहमें वे अनेक बार मात्र खाने हेतु जाते हैं ! तो साधकों, एक सरल सा सिद्धांत ध्यान रखें | हम जब अध्यात्म पथपर अग्रसर होकर साधना करने लगते हैं तो […]

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ईश्वर आपकी आपातकालमें सहायता करें, इस हेतु करें साधना !


जो लोग अपने जीवनमें धर्म और अधयात्मको प्राथमिकता नहीं दते है, जब उनके जीवनमें विषम परिथितयां आती हैं तो ईश्वर भी उनकी सहायता नहीं करते हैं । सामान्य लोगोंके जीवनमें कष्ट उनके इस जन्म या किसी और जन्मके अधर्मका परिणाम होता हैं, उसका फल सृष्टिके कर्मफल सिद्धान्त अनुसार भोगना ही पडता हैं, उस नियमको बनानेवाले […]

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