फरवरी, २८, २०१९
यदि इस देशमें कांग्रेस न होती तो आज हमारी सेना १९६० के समयवाले ‘मिग-२१’ विमान नहीं उडा रही होती ! रक्षा सौदोंको लटकाना, भ्रष्टाचार यह कांग्रेसका मुख्य कृत्य रहा है, इसी कारण भारतकी सेनाके लिए १९९० के दशकके पश्चात अबतक कोई लडाकू जेट नहीं क्रय किया गया ।
अन्तिम लडाकू विमान हमने १९९० में ‘सुखोई-३०’ क्रय किया था, आज २०१९ चल रहा है, २००७ में ही राफेल क्रय किया जाना था; परन्तु उसे भी २०१४ तक लटकाए रखा और जब मोदी राफेल लाने लगे तो उसे भी रोकनेका प्रयास किया, जिस विमानको ‘विंग कमांडर’ अभिनन्दन उडा रहे थे, वो १९६० के समयका है, उसकी तकनीक दशकों पुरानी है ।
१९६३ में कांग्रेसने इसे रूससे क्रय किया था और होते होते कांग्रेस शासनने कुल १२०० मिग-२१ क्रय किए ।
१२०० मेंसे अबतक ८४१ विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, अर्थात आधेसे अधिक विमान तो ऐसे ही भूमिपर गिर गए, बिना लडे ही !
‘मिग-२१’की दुर्घटना इतनी है कि इसे ‘फ्लाइंग कोफीन’ अर्थात ‘उडता हुआ ताबूत’ भी कहते हैं !! कांग्रेसने जो मिग-२१ क्रय किए उसमेसे ७०% दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं ।
अधिकतर प्रकरणमें पैराशूटसे पायलटने प्राण बचाए हैं, उसके पश्चात भी १७० वायुसेना पायलट केवल दुर्घटनासे बलिदानी हुए हैं, और कई बार मिग-२१ आवासीय क्षेत्रोंमें भी गिरा है, जिसमे अबतक ४० से अधिक भारतीयोंकी मृत्यु भी हुई है !
७०% से अधिक ‘जेट्स’ दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, इतने पायलट और नागरिक मारे गए हैं; परन्तु ‘मिग-२१’ लानेवाली कांग्रेससे आजतक इसको लेकर एक भी प्रश्न किसीने नहीं पूछा है !!
इतने ‘जेट्स’ दुर्घटनाग्रस्त हुए, इतने पायलट बलिदानी हुए; परन्तु यह मुद्दा कभी बना ही नहीं, कांग्रेस इन सभीके लिए उत्तरदायी है, जिसने ये जेट्स भारत लाकर विनाश मचा दिया था ।
“जब सैनिकोंको आधुनिक विमानोंकी आवश्यकता थी तो उन्हें पुराने विमान उडानेको क्यों विवश होना पड रहा है ? क्या कांग्रेस, युद्धक विमानको उडानेवाले सैनिकोंके प्राणोंके हरणका उत्तरदायित्व अपने सिरपर लेनेको सज्ज है ? कांग्रेस अध्यक्षपर हत्याका अभियोग क्यों न चलाया जाए ?, कांग्रेस इसका उत्तर देशको दे और कांग्रेससे कुछ लाभके लोभमें मत देनेवााले सभी तथाकथित देशवासी भी स्वयंको इसका उत्तरदायी मानें ! इस देशके राजनेताओंको अपने सैनिकोंके प्राणोंका महत्त्व नहीं जो अभीतक इतनी दुर्घटनाएं होनेपर इन युद्धक विमानोंके उपयोगको अभी तक किया जा रहा है ! मोदी शासनसे अनुरोध है कि वे ऐसे युद्धक विमानोंके उपयोगपर त्वरित रोक लगाएं और पुनः अभिनन्दन जैसा कोई प्रकरण न हो यह ध्यान रखें क्योंकि युद्धजन्य स्थिति तो निर्माण हो ही चुकी है ऐसेमें हम प्रशिक्षित एवं समर्पित ऐसे योद्धाओंके प्राण मात्र पुराने विमानोंके कारण संकटमें नहीं डाल सकते हैं !”– सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : दैनिक भारत
Leave a Reply