मई ८, २०१९
देहली ‘एनसीआर’में विनियोग आधारित (ऐप बेस्ड) टैक्सियोंमें सुरक्षाके भले ही दावे किए जाते हों; परन्तु इन टैक्सियोंमें यात्रा करनेवाली महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं ?, इसकी एक प्रकरण शनिवार, ४ मईको देखनेको मिला । एक बहुर्राष्ट्रीय कम्पनीमें कार्यरत महिलाने ‘उबर कैब’ आरक्षित की । ‘कैब’में उसके साथ चालकने छेडखानी आरम्भ कर दी । लडकीका आरोप है कि उसे उबरसे कोई विशेष सहायता नहीं मिली, पुलिसने भी अभियोग प्रविष्ट करनेमें छह घंटे लगा दिए ।
शालिनी (परिवर्तित नाम) शनिवारको किसी कार्यसे देहलीके द्वारका सेक्टर-१२ गईं । घर वापस आनेके लिए उन्होंने रात ८ बजकर १७ मिनटपर एक ‘उबर कैब’ आरक्षित की । ‘कैब’में बैठते ही चालक इरफान उनसे छेडखानी करने लगा ।
शालिनीने बताया कि ‘टैक्सी लेनेके ३-४ मिनट पश्चात चालक बोला कि पीछेके टायरमें वायुदाब न्यून है, आप आगे बैठ जाओ, तो मैं आगे आकर बैठ गई । इसी मध्य चालक किसीसे अभद्र अपशब्द कहते हुए बात कर रहा था । इसके पश्चात चालकने अपना हाथ मेरी जांघपर छुआ । मुझे लगा प्रथम बार चूक हो गई होगी; परन्तु बादमें वो बार-बार छूने लगा । वहां अंधेरा और एकान्त था, मुझे समझ नहीं आया क्या किया जाए ? मैं चालकके कृत्योंसे इतना भयभीत हो गईं थी कि १०० नंबरपर भ्रमणभाष करनेका साहस नहीं कर पाई । मैंनें ‘उबर’पर सन्देश भेजकर मदद मांगी, तो चालक मुझे मारनेकी चेतावनी देने लगा । उबरकी ओरसे कोई विशेष सहायता नहीं मिली । थोडे समय पश्चात उबर वालोंने चालकको ही भ्रमणभाष किया और कहा कि ‘ट्रिप एंड कर दीजिए और कस्टमरको यहीं उतार दीजिए !’ जबकि मैंने उनको बताया था कि क्षेत्र वीरान है और मुझे इसकी जानकारी नहीं है । मुझे लगा कि वे मेरी सहायता करेंगें, वे पुलिसको भ्रमणभाष करेंगें या कुछ और करेंगें; परन्तु उन्होंने एक प्रकारसे चालककी ही सहायता कर दी और मुझे वहीं उतार दिया । उसके पश्चात कुछ मतलब नहीं कि मैं घर सुरक्षित पहुचीं या नहीं, मुझे कैब मिली या नहीं ?
शालिनीके अनुसार ‘कैब’से उतारनेके पश्चात चालकने कुछ दूरीतक उनका पीछा भी किया और फिर चला गया । शालिनीने दूसरी ‘कैब’ की और किसीप्रकार घर पहुंची । इसके पश्चात वे साहस करके सात मईको द्वारका नार्थ थानेमें अभियोग प्रविष्ट कराने पहुंचीं तो पुलिसने ६ घंटे पश्चात आरोपी चालक इरफानके विरुद्घ अभियोग प्रविष्ट किया ।
इस प्रकरणमें उबरकी प्रवक्ता दिशा लूथराने कहा कि ‘जो भी हुआ वह किसी भी स्थितिमें स्वीकार नहीं है और इसके लिए ‘उबर’में कोई स्थान नहीं है । हम विधानका पालन करानेवाले अधिकारियोंके साथ कार्य कर रहे हैं और उनकी जांचमें सहयोग कर रहे हैं । चालकको ‘उबर’से हटा दिया गया है ।
“यह राजधानीकी स्थिति है कि महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो अन्य स्थानोंपर क्या होगा ? इस प्रकरणमें ‘उबर’ भी उत्तरदायी है । एक महिला उन्हें संकटका कहकर सूचना दे रही है और उनका उत्तरदायित्व बस यहींतक था कि उसे बस उस वाहनसे उतार दे ! क्या आगे कोई नैतिक उत्तरदायित्व नहीं है ? यह आजके स्वार्थी उद्योगोंकी स्थिताको दिखाता है । साथ ही जिहादी इरफानको पुलिस कुछ दिवसों पश्चात छोड देगी; क्योंकि उसने केवल प्रयास किया है और वह फिरसे जिहादके अवसर ढूंढेगा ! यह कैसा विधान है कि ऐसे जघन्य कृत्य करनेवालोंके मनमें भय नहीं है । यह हमारे लोकतन्त्र और उससे चुनकर आए शासकगणोंकी स्थिति बताता है । यदि यथोचित विधान बनाकर उसका पालन करवाया जाता तो कोई भी इरफान ऐसा साहसतक न करता !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : एनडीटीवी
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