जनवरी ४, २०१९
राज्यसभामें प्रस्तुत होनेवाले तीन तलाक विधेयकको लेकर मुस्लिम महिलाओंने ‘हुकूक-ए-तहाफ्फुज ख्वातीन’ मंचके फलकके नीचे पग यात्रख निकालकर इसका विरोध किया । महिलाओंने कहा कि तीन तलाक विधेयकको मुस्लिम महिलाएं किसी मूल्यपर स्वीकार नहीं करेंगीं ।
बता दें कि गुरुवार, ४ जनवरीको ईदगाह रोड स्थित ‘पब्लिक गर्ल्स इंटर कॉलेज’में एकत्र हुई मुस्लिम महिलाओंने केन्द्र शासनद्वारा लोकसभाके पश्चात राज्यसभामें प्रस्तुत किए जानेवाले तीन तलाक विधेयकको लेकर कडा विरोध प्रकट किया । महिलाओंने इसके विरोधमें पग यात्रा निकाली और स्पष्ट कहा कि यदि केन्द्र शासन राज्यसभामें विधेयकको प्रस्तुत भी करा लेती है तो भी मुस्लिम महिलाएं इस विधेयकको किसी मूल्यपर स्वीकार नहीं करेंगीं ।
वहीं ‘हुकुक-ए-तहाफ्फुज ख्वातीन मंच’की अध्यक्षा सबा हसीब सिद्दीकीने कहा कि केंद्र मुस्लिम महिलाओंपर तीन तलाक विधेयकको थोपना चाह रही है । जब देशकी कोट्यावधि महिलाएं इसका निरन्तर विरोध कर रही हैं तो शासन हठधर्मितापर क्यों अडी हुई हैं । शासन शरीयत और मुस्लिम महिलाओंके नामपर राजनीति कर रहा है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा ! सबाने कहा कि इस्लामको माननेवाले शरीयतके अनुसार अपना जीवन व्यतीत करते हैं और भारतीय संविधानने उन्हें इसकी पूरी स्वतन्त्रता दी हुई है, परन्तु शासन निरतर शरीयतमें हस्तक्षेपकर मुस्लिम विरोधी होनेका साक्ष्य दे रहा है ।
“क्या विरोधक किसीभी महिलाओंमें कोई तीन तलाक पीडित है ? और यदि होकर भी शरीयतके पालनका मन है तो अरब देश खुले हैं, जहां शरीयतमें आज भी पथर मारकर मृत्युदण्ड मिलता है, वहां जा सकते हैं । यह हिन्दुस्तान ही है, जहां आप फलक लेकर खुलेमें सडकोंपर चिल्लाकर राष्ट्रविरोधक विधान शरीयतका पक्ष ले रहे हैं, क्या इन्हें यह समझ नहीं आता है ?”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : अमर उजाला
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