देव स्तुति


पार्वतीनन्दनं    शम्भोरानन्दपरिवर्धनम् ।

भक्तानन्दकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥

अर्थ : जो पार्वतीजीको पुत्र रूपसे आनन्द प्रदान   करते और भगवान शंकरका भी आनन्द बढाते हैं, उन भक्तानन्दवर्धन मयूरेश गणेशको मैं नित्य नमस्कार  करता हूं ।



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