अगस्त ९, २०१८
त्रिवेन्द्र रावत मन्त्रिमण्डलने धर्म स्वतन्त्रता अधिनियमकी नियमावलीपर मुहर लगा दी ! राज्यमें बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करानेके प्रकरणमें कोई भी संस्था, व्यक्ति अथवा पुजारी लिप्त पाए गए तो उन्हें दण्डित किया जाएगा । संस्थाका पंजीकरण रद्द किया जाएगा ! महत्वपूर्ण बात यह भी है कि धर्म परिवर्तनके प्रकरणमें आरोपित व्यक्तिको दोषमुक्त सिद्ध करनेके लिए स्वयं प्रमाण देने होंगे । विवाहके पश्चात धर्म परिवर्तनके प्रकरणमें भी जिलाधिकारीके स्तरपर जांच कर न्यायालयको जानकारी देनेका प्रावधान नियमावलीमें किया गया है ।
त्रिवेन्द्र शासनने गत मार्च माहमें गैरसैंण विधानसभा सत्रमें उत्तराखण्ड धर्म स्वतन्त्रता विधेयकको पारित करानेके पश्चात उसे अधिनियमका रूप दिया था । अब उक्त अधिनियमकी नियमावलीपर मन्त्रिमण्डलकी मुहर लग गई । सचिवालयमें बुधवारको मन्त्रिमण्डलके निर्णयको काबीना मन्त्री प्रकाश पन्तने संक्षेप रूपमें बताया । उन्होंने बताया कि धर्म स्वतन्त्रता अधिनियमकी नियमावली बननेके पश्चात इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित हो जाएगा । अब धर्म परिवर्तनके इच्छुक व्यक्तिको पहले अपने स्थायी निवास स्थल क्षेत्रके प्रान्तीय न्यायाधीशको पूर्व सूचना देनी होगी । प्रान्तीय न्यायाधीश ऐसी सूचनाओंकी १५ दिवसके भीतर जांच कराएगा ।
इस जांचमें यह भी देखा जाएगा कि धर्म परिवर्तन बवपूर्वक, प्रलोभन, उत्पीडन या कपटपूर्ण अथवा विवाहकेद्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं । बिना सूचनाके किसीने भी धर्म परिवर्तन किया तो ऐसे प्रकरणकी जांच होगी । प्रान्तीय न्यायाधीश ऐसे प्रकरणमें सात दिवसके भीतर जांच कराएंगे । शासनने नियमावलीमें यह प्रावधान भी किया है कि प्रत्येक जिलाधिकारीको प्रत्येक माहकी दस तारीखतक गत माहके मध्य ऐसे प्रकरणके विवरण शासनको देने होंगे ।
यदि धर्म परिवर्तनके उद्देश्यसे विवाह किया गया तो उस धर्म परिवर्तनको अमान्य घोषित किया जाएगा ! धर्म परिवर्तनके लिए प्रान्तीय न्यायाधीश या कार्यपालक न्यायाधीशके समक्ष एक माह पूर्व शपथपत्र देना होगा । धर्म परिवर्तनके लिए समारोहकी भी पूर्व सूचना देनी होगी । सूचना नहीं देनेकी स्थितिमें इसे अमान्य करार दिया जाएगा । धर्म स्वतन्त्रता विधानका उल्लंघन होनेकी स्थितिमें तीन माह से एक वर्षका कारावास होगा ! अनुसूचित जाति-जनजातिके प्रकरणमें यह छह माह से दो वर्ष होगी ।
धर्म परिवर्तनके सन्दर्भमें किसी प्रकारका दान या अंशदान लेन-देनका प्रकरण सामने आया तो जांचके पश्चात ऐसी राशि अधिकृत कर ली जाएगी । साथ ही इसके लिए दोषी संस्था, व्यक्ति अथवा पुजारीको दण्डित किया जाएगा ।
स्रोत : द राइजिंग न्यूज
Leave a Reply