क्या बलात्कार हेतु मृत्युदण्डका विधान बनानेसे भारतमें बलात्कार रुक जायेंगे ? समाजको धर्मशिक्षण देकर उसे नीतिवान बनानेसे ही इसप्रकारके पैशाचिक कुकर्म रुकेंगे ! आज समाजमें न राजा धर्मनिष्ठ है और न ही प्रजा; इसलिए नित्य नूतन प्रकारके कुकर्म घटित होते हैं और निधर्मी राजनेता अपराधको न्यून करने हेतु सतही स्तरके उपाय करते हैं; अतः अपराध और अपराधी दोनोंके आंकडे नित्य बढते ही जा रहे हैं !
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