मन और बुद्धिमें बुद्धि अधिक सूक्ष्म होती है अतः हमारा वर्तन मनके अनुसार नहीं बुद्धिके अनुसार होना चाहिए | मन हमें हमारे संस्कारोंके अनुसार वर्तन करनेको कहता है और बुद्धि उचित और अनुचित का निर्णय लेने में सक्षम होती है अतः बुद्धिके स्तरपर लिया गया निर्णय अधिक योग्य होता है। एक उदहारणसे समझ लेते हैं जैसे मान लें कि किसी को मधुमेहका रोग है तो भी मन कहता है कि मिठाईका सेवा करना चाहिए परन्तु बुद्धिको ज्ञात होता है कि ऐसा करना स्वास्थयके लिए हानिकारक होगा अतः वह उसे सेवन करने की अनुमति नहीं देता ऐसे में बुद्धिके माध्यमसे मनपर नियंत्रण करना मिठाईका सेवन न करना यह योग्य आचरण है ! जिसने मनको अपने बुद्धिके माध्यमसे नियंत्रित करनेकी कला सीख ली उसे कोई यशस्वी होनेसे रोक नहीं सकता -तनुजा ठाकुर
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